पटना. बिहार के खजाने के लिए पीला सोना वरदान साबित हो रहा है. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान बालू खनन से बिहार सरकार ने अबतक का सर्वाधिक राजस्व अर्जित किया है. सरकार ने बालू खनन से इस वर्ष कुल 1384.46 करोड़ रुपये राजस्व पाया है जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 54 प्रतिशत अधिक है.
इस संबंध में विभाग की अपर मुख्य सचिव सह खान आयुक्त हरजोत कौर बमराह ने समाचार एजेंसियों को बताया कि बालू खनन से 2021-22 में राजस्व संग्रह 745.44 करोड़ रुपये रहा था. इस वर्ष बीते वित्त वर्ष में बालू खनन से राजस्व संग्रह में 53.84 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि खदानों और खनिजों से कुल राजस्व संग्रह 2017-18 में 1,082.72 करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर 2022-23 में लगभग 3,000 करोड़ हो गया है. उन्होंने कहा कि बालू खनन से राजस्व संग्रह 2018-19 में 836.57 करोड़ रुपये से बढ़कर पिछले वित्त वर्ष में 1,384.46 करोड़ रुपये हो गया है.
उन्होंने बताया कि ईंट भट्ठा मालिकों से 2022-23 में 77.93 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया था, जबकि 2021-22 में यह 71 करोड़ रुपये था. राज्य सरकार के खान और भूविज्ञान विभाग ने अवैध खनन को लेकर भी भारी जुर्माना लगाया और इससे 2022-23 में 299 करोड़ रुपये एकत्र किये, जबकि 2021-22 में इसके जरिये 165 करोड़ रुपये जुटाए गए थे.
अधिकारी ने कहा कि विभाग ने राज्य में अवैध बालू खनन, दोहन और खनिजों के परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए अपना खुद का समर्पित पुलिस बल बनाने का फैसला किया है, जिसे खनन पुलिस कहा जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें अपने स्वयं के सहायक उपनिरीक्षक (25) और कांस्टेबल (250) की आवश्यकता है, जो खनन पुलिस का हिस्सा होंगे. इसके अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उनका नेतृत्व करेंगे. यह बल पूरी तरह से सशस्त्र होगा. अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में एक प्रस्ताव पहले ही अनुमोदन के लिए सक्षम प्राधिकारी को भेजा जा चुका है.