पीजी स्तर पर नहीं होती है योग की पढ़ाई, दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं बिहार के छात्र

योग का केंद्र माने जाने वाले बिहार में ही योग में उच्च शिक्षा मिलने में परेशानी हो रही है. इससे संबंधित कोर्स में दाखिला के लिए यहां के छात्र दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. दिल्ली, पुणे, उत्तराखंड, बेंगलुरु, ओड़िसा, मुंबई और साउथ आदि राज्यों में बिहारी छात्र योग में पीजी की पढ़ाई करने पहुंच रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 21, 2021 1:03 PM

पटना. योग का केंद्र माने जाने वाले बिहार में ही योग में उच्च शिक्षा मिलने में परेशानी हो रही है. इससे संबंधित कोर्स में दाखिला के लिए यहां के छात्र दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. दिल्ली, पुणे, उत्तराखंड, बेंगलुरु, ओड़िसा, मुंबई और साउथ आदि राज्यों में बिहारी छात्र योग में पीजी की पढ़ाई करने पहुंच रहे हैं.

जानकारों का कहना है कि हर साल योग के छात्र राज्य से पीजी की शिक्षा के लिए पलायन करते हैं. इसका कोई आधिकारिक सरकारी शोध या सर्वे नहीं हुआ है. लेकिन,एक अनुमान के मुताबिक अलग-अलग राज्यों के शहरों में रहने व खाने पर प्रति छात्र औसतन 15 हजार रुपये खर्च करना पड़ रहा है.

फीस के तौर पर इससे भी अधिक राशि उन्हें संबंधित योग संस्थानों को देनी होती है. अगर पटना के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में पढ़ाई होती तो छात्रों का खर्च होने वाला बजट भी बिहार सरकार के पास होता और छात्रों को बिहार छोड़ कर दूसरे राज्यों में भटकना नहीं पड़ता.

एकेयू से मंजूरी मिली, लेकिन स्वास्थ्य विभाग में अटका मामला

राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में एमएससी इन योगा में 20 सीट पर पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए शहर के आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय ने मंजूरी दे दी है. मंजूरी को मिले करीब दो साल होने को है. कोर्स शुरू कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को कॉलेज प्रशासन की ओर से प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है.

आज तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोर्स शुरू कराने के लिए मंजूरी नहीं दी गयी. इतना ही नहीं एकेयू से दो बार कोर्स शुरू करने के लिए रिमाइंडर भेजा गया, जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को फिर से प्रस्ताव भेजा. बावजूद आज तक मामला लटका हुआ है़

क्या कहते हैं प्रिंसिपल

राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, पटना के प्रिंसिपल प्रो. वैद्य दिनेश्वर प्रसाद कहते हैं कि योग की महत्ता इतना अधिक है कि हर साल 21 जून को विश्व योगा दिवस मनाया जाता है. राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में योग में एक साल की डिप्लोमा की पढ़ाई होती है.

वहीं, योग में पीजी कोर्स शुरू कराने के लिए एकेयू से मंजूरी मिल गयी है, जिसके बाद हमने स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है. विभाग से जैसे ही मंजूरी मिलती है, कोर्स शुरू कर दिया जायेगा. इससे ात्रों को फायदा होगा और रोजगार भी मिलेगा.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version