गोपालगंज में छोटे ने बड़े भाई को कुदाल से काट कर मार डाला, संपत्ति के लालच में पहले पिता की कर चुका है हत्या
ग्रामीणों को यकीन नहीं हो रहा कि छोटा भाई धन के लालच में आकर ऐसा कृत्य करेगा. इसके पहले पिता को भी उसने गला दबाकर मार डाला था. रिश्ते को तार-तार करने वाली इस घटना से लोग कांप उठे हैं. उधर, घटना की सूचना पर गांव के लोग व रिश्तेदार पहुंच कर परिजनों को संभालने में जुटे थे.
गोपालगंज. विजयीपुर थाना क्षेत्र के बंजरिया गांव में रविवार की शाम पिता के श्राद्ध की तैयारी में जुटे अश्विनी पांडेय को सगे छोटे भाई ने कुदाल से काट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. उसे गंभीर स्थिति में गोरखपुर इलाज के लिए ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गयी. उधर, घटना की सूचना पार मौके पर पहुंची पुलिस ने हत्यारोपित आदित्य पांडेय को गांव के पश्चिम उत्क्रमित मध्य विद्यालय में सीढ़ी के गेट के नीचे से गिरफ्तार कर लिया. भाई की हत्या के बाद जहां परिजनों में चीत्कार मच गया. परिजनों के चीत्कार से पूरा गांव दहल उठा है. ग्रामीणों को यकीन नहीं हो रहा कि छोटा भाई धन के लालच में आकर ऐसा कृत्य करेगा. इसके पहले पिता को भी उसने गला दबाकर मार डाला था. रिश्ते को तार-तार करने वाली इस घटना से लोग कांप उठे हैं. उधर, घटना की सूचना पर गांव के लोग व रिश्तेदार पहुंच कर परिजनों को संभालने में जुटे थे. ग्रामीणों की आंखों से भी आंसू निकल रहे थे.
श्राद्ध के खर्च की सूची बनाने के दौरान किया हमला
बंजरिया गांव के वीरेंद्र पांडेय गुजरात में चीनी मिल में काम कर 10 साल पहले रिटायर हुए थे. उनके रिटायर होकर घर रहने के कारण उनके बड़े बेटा 37 वर्षीय पुत्र अश्विनी पांडेय दिल्ली में किसी कंपनी में काम करते थे. अपने पिता की मृत्यु के सातवें दिन दरवाजे पर बैठकर पिता के श्राद्ध कर्म के निमित्त खर्च का ब्योरा तैयार कर रहे थे. इसी बीच अश्विनी पांडेय के छोटा भाई आदित्य उर्फ बिट्टू पांडेय ने अपने हाथ में लिए धारदार कुदाल से उसके सिर पर वार कर दिया. लोग दौड़कर आये, तब हत्यारोपित भाई वहां से भाग कर गांव के पश्चिम एक मध्य विद्यालय में जाकर छिप गया. बुरी तरह से घायल जख्मी अश्विनी पांडेय को परिजन शीघ्र ही इलाज के लिए देवरिया सदर अस्पताल ले गये. जहां से चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. वहां इलाज के दौरान अश्विनी पांडेय की देर रात में मौत हो गयी.
गला दबाकर अपने पिता का भी कर दी थी हत्या
ग्रामीणों की मानें, तो आदित्य पांडेय ने एक सप्ताह पूर्व अपने पिता वीरेंद्र पांडेय को शौचालय के पास संपत्ति की मांग को लेकर झगड़ा किया. इसके बाद गला दबाकर दीवाल से टकराकर धक्का मार दिया था. इसमें वीरेंद्र पांडेय की नीचे गिरकर मौत हो गई. स्वजनों तथा गांव वालों ने इस रहस्य को उजागर नही होने दिया और शव का दाह-संस्कार कर दिया. पिता की मौत की घटना सुनकर बड़ा बेटा अश्विनी पांडेय परिवार सहित घर पहुंचा. बड़ा पुत्र होने के नाते पिता का श्राद्ध कर्म के पूर्व क्रिया में लग गया. रविवार को सातवां दिन था. घर तथा पड़ोस की सारी महिलाएं दरवाजे के पास बैठी हुई थी और बड़ा पुत्र अश्वनी पांडेय चौकी पर बाहर बैठकर अपने पिता के श्राद्ध कर्म में लगने वाले खर्च का लिस्ट तैयार कर रहा था. इसी बीच हत्यारे छोटे भाई ने कुदाल से वार कर दिया.
Also Read: बिहार विश्वविद्यालय में वेतन से ज्यादा है रिटायर्ड कर्मियों के पेंशन, 940 करोड़ के बजट को मंजूरी
अश्विनी ने अपनी भावज का लाखों रुपये खर्च कर कराया इलाज
मृत अश्विनी पांडेय परिवार के एक कमाऊ सदस्य था. तीन भाईयों में अश्विनी पांडेय सबसे बड़ा भाई था. जबकि सबसे छोटे भाई की अभी शादी भी नही हुई है. परिजनों ने बताया कि अश्विनी पांडेय ने हत्यारोपित आदित्य पांडेय की पत्नी की गंभीर बीमारी के कारण लाखों रुपये लगाकर उसका ऑपरेशन करवाया था. जिसका अभी टांका भी नहीं कटा था.
पल भर में उजड़ गया दीपा की मांग का सिंदूर
अश्विनी की पत्नी दीपा को यह उम्मीद ही नहीं थी कि कभी अपने ऐसा करेंगे. अपने पति के साथ ससुर के श्राद्ध के लिए दीपा आयी. दीपा की आंखों के सामने पल भर में उसके माथे का सिंदूर उजड़ गया. दो लड़कियों में एक आठ साल की प्रिंसी कुमारी तथा दूसरी चार साल की यशवी कुमारी है. कमाऊ पुत्र की मौत के बाद परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है. पति की मौत के बाद पत्नी दीपा पांडेय बार-बार बेहोश हो जा रही थी. बार-बार एक ही बात कह कर दहाड़ मार रही थी कि अब इनका और इनकी बच्चियों की देखभाल कौन करेगा.