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बिहार से पैदल चलकर मध्य प्रदेश के जंगल तक पहुंचा युवक, तीन साल बाद वन विभाग की टीम को मिला

लखीसराय का करण कुमार मध्य प्रदेश के बैतूल जिला के जंगल में वन विभाग के गश्ती दल को भटकता मिला. जानकारी मिलने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है.

Bihar News: लखीसराय का रहने वाला एक युवक, जो तीन साल पहले परिवार से बिछड़ गया था, मध्य प्रदेश के बैतूल जिला के जंगल में वन विभाग के गश्ती दल को भटकता हुआ मिला है. युवक की पहचान सूर्यगढ़ा प्रखंड के पिपरिया गांव के रहने वाले देवू भगत के 24 वर्षीय पुत्र करण कुमार के रूप में हुई है. करण मानसिक रूप से बीमार बताया जा रहा है. इस मामले की जानकारी वन क्षेत्र पदाधिकारी ने पिपरिया थाने की पुलिस को दी है. युवक के सुरक्षित होने की खबर मिलते ही परिजनों में खुशी का माहौल है.

गश्ती के दौरान पेड़ के नीचे मिला युवक

जानकारी के मुताबिक पश्चिम वन मंडल के अंतर्गत आने वाले चिचोली रेंज के गश्ती दल को गश्ती के दौरान रात में बीच जंगल में पेड़ के नीचे एक युवक अचेत स्थिति में पड़ा दिखाई दिया था. जिसके बाद गश्ती दल की टीम द्वारा युवक के पास पहुंचकर निरीक्षण किया गया था. युवक को नींद से जगा कर गश्ती दल ने उससे पूछताछ की. वह बिहार की भाषा में बात कर रहा था. संयोगवश गश्ती टीम में भी बिहार का रहने वाला वनरक्षक शामिल था.

जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी वनमंडल के अंतर्गत चिचोली रेंज की गश्ती टीम ने गश्त के दौरान रात में जंगल के बीच एक पेड़ के नीचे एक युवक को बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ देखा. जिसके बाद गश्ती दल युवक के पास पहुंचा और उसका निरीक्षण किया. गश्ती दल ने युवक को नींद से जगाकर पूछताछ की. वह बिहार की भाषा में बात कर रहा था. संयोगवश गश्ती दल में बिहार का एक वनरक्षी भी शामिल था.

वन परिक्षेत्र अधिकारी ने अपने अधीनस्थ वन रक्षक को उसी भाषा में बात करने को कहा, जिसमें वो युवक बात कर रहा था. वनरक्षक ने युवक से अपनी भाषा में बात की. बातचीत के दौरान स्थिति यह सामने आई कि युवक बिहार की भाषा बखूबी बोल रहा था और भाषा से वह बिहारी भी लग रहा था.

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बिहार से पैदल चलकर मध्य प्रदेश के जंगल तक पहुंचा युवक, तीन साल बाद वन विभाग की टीम को मिला 2

क्या बोले वन विभाग के अधिकारी

वन परिक्षेत्र अधिकारी शैलेन्द्र चौरसिया ने बताया कि 4-5 मई 2024 को रात्रि गश्त के दौरान रात करीब 12:30 बजे घोघरा से नांदा जाने वाले रास्ते पर जंगल में एक व्यक्ति पेड़ के नीचे पड़ा हुआ दिखाई दिया. उन्हें ऐसा लगा मानो कोई शव पड़ा हो. उसने पास जाकर हार्न बजाया तो वह आदमी उठ गया. जब हम उसके पास गए और उससे पूछताछ की तो उसकी बातों से लग रहा था कि वह मानसिक रूप से कमजोर है. पूछताछ में उसने बताया कि वह पिपरिया, लखीसराय, बिहार का रहने वाला है और वहां से पैदल चलकर यहां आया है.

वन अधिकारी ने बताया कि उन्हें लगा कि पागल आदमी है. उनके साथ गश्ती में वनरक्षक फुलदेव यादव भी थे. जो कि बिहार का रहने वाले हैं. उसने उसकी भाषा में बात की. तब लगा कि वह व्यक्ति सही बोल रहा है. उसकी तलाशी ली तो उसके पास केवल माचिस पायी गयी. फिर उसे उनके द्वारा वन चौकी नांदा लाया गया और रात्रि में ही इंटरनेट के माध्यम से लखीसराय पुलिस का नंबर लिया गया.

परिवार में खुशी का माहौल

वहां संपर्क किया गया और पिपरिया थाने का नंबर लिया गया. जहां इसके संबंध में सूचना दी गयी एवं उसके फोटो भेजे गये. जिसके बाद पिपरिया थानाध्यक्ष शंभू शर्मा के द्वारा युवक के परिवार से बात की गयी. उसके परिवार द्वारा बताया गया कि वह तीन साल से घर से लापता है और उसकी सुरक्षित होने की जानकारी प्राप्त करके उसके परिवार में खुशी का माहौल है. पुलिस के मुताबिक जल्द ही युवक को वापस लाया जायेगा.

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