बिहार के इन 68 थानों में चरित्र प्रमाणपत्र के 2427 आवेदन पेंडिंग, थाने के चक्कर काट रहे युवा
Bihar News: चरित्र प्रमाणपत्र वेरिफिकेशन के लिए युवा थानों के चक्कर लगा रहे हैं. हाल यह है कि पटना जिले के 68 थानों में 2427 आवेदन पेंडिंग हैं.
पटना. नौकरी पाने के लिए जरूरी चरित्र प्रमाणपत्र वेरिफिकेशन के लिए युवा थानों के चक्कर लगा रहे हैं. हाल यह है कि पटना जिले के 68 थानों में 2427 आवेदन पेंडिंग हैं. नवंबर में हुई क्राइम मीटिंग के दौरान एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लो ने इसको लेकर सख्त टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि आचरण संबंधित सत्यापन अधिकतर विद्यार्थी- नवयुवकों के होते हैं. विद्यार्थियों के आचरण का सत्यापन समय से कर देने से उनकी सोच पुलिस के प्रति सकारात्मक होगी और वे पुलिस के मददगार बन सकते हैं. सितंबर के अंत तक कैरेक्टर वेरिफिकेशन के आवेदनों की संख्या 2428 थी. अक्तूबर के अंत तक इनमें से कुछ ही निबटाये गये और यह संख्या थोड़ी घट कर 2427 हो गयी. आचरण से संबंधित सबसे ज्यादा सत्यापन के आवेदन बिहटा थाने में 161, दानापुर में 150, फुलवारीशरीफ में 107, मसौढ़ी में 87 और दीघा थाने में 84 पेंडिंग हैं.
पासपोर्ट वेरिफिकेशन के आवेदनों में वृद्धि
पासपोर्ट सत्यापन के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि सितंबर में पटना के थानों में पासपोर्ट वेरिफिकेशन के महज 31 आवेदन थे, जो अक्तूबर के अंत तक 251 हो गये. एक महीने में पासपोर्ट वेरिफिकेशन के 220 आवेदन आ गये. पासपोर्ट वेरिफिकेशन के सबसे ज्यादा 101 आवेदन फुलवारीशरीफ थाने में पेंडिंग हैं. इसके अलावा बाकी के थानों में भी आवेदन आये हुए हैं. एसएसपी ने थानेदारों से कहा है कि पासपोर्ट आवेदन का ससमय जांच नहीं करने पर सरकार को राजस्व की क्षति होती है और अधिक विलंब होने पर प्रतिदिन 250 रुपये के हिसाब से थानाध्यक्ष के वेतन से भी कटौती का प्रावधान है. कई थानाध्यक्षों के वेतन से कटौती भी की गयी है.
कंकड़बाग थाने में हाइकोर्ट से संबंधित अधिक मामले पेंडिंग
पटना हाइकोर्टसे संबंधित मामलों के पेंडिंग रहने पर एसएसपी ने थानेदारों को सख्त निर्देश दिया है. उन्होंने पटना के 63 थानेदारों को जल्द-से-जल्द इन मामलों का निबटारा करने को कहा है. आंकड़ों के अनुसार पटना के 63 थानों में हाइकोर्टसे संबंधित 465 मामले पेंडिंग हैं, जिनमें सबसे अधिक कंकड़बाग में 19 मामले हैं, जिनका निबटारा नहीं किया गया है. एसएसपी ने कहा कि थानेदारों की लापरवाही के कारण वरीय पदाधिकारी को सदेह उपस्थित होना पड़ता है.