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Yuva Diwas 2021: इन युवा नेताओं पर निगाहें, किसी को विरासत बचाने का चैलेंज, कोई इतिहास लिखने को बेताब

Yuva Diwas 2021: स्वामी विवेकानंद की जयंती पर ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ मनाया जाता है. युवा दिवस पर आज जिक्र उन युवा नेताओं की, जिन्होंने अपने बूते बिहार की राजनीति में खास पहचान बनाई.

Yuva Diwas 2021: स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. युवा दिवस पर आज जिक्र उन युवा नेताओं की, जिन्होंने अपने बूते बिहार की राजनीति में खास पहचान बनाई. इन नेताओं ने बिहार की राजनीति में बड़ा नाम भी कमाया है. इन्होंने विकास, बेरोजगारी, शिक्षा, गरीबी, पलायन जैसे मुद्दों को उठाकर राज्य को बदलने का ऐलान भी किया. बिहार विधानसभा चुनाव रिजल्ट में अधिकांश युवा नेता फ्लॉप हो गए. इसके बावजूद इन युवा नेताओं से राज्य को काफी उम्मीदें है.

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तेजस्वी यादव से महागठबंधन को उम्मीदें…

बिहार के युवा नेताओं की लिस्ट में सबसे पहला नाम बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के सीएम फेस रह चुके तेजस्वी यादव का आता है. बिहार चुनाव में राजद, कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियों के महागठबंधन को सत्ता तक पहुंचाने का जिम्मा तेजस्वी यादव ने उठाया था. राघोपुर सीट से चुनाव जीतने वाले तेजस्वी यादव ने धुआंधार प्रचार किया था. बेरोगजारी, पलायन, गरीबी और विकास को मुद्दे के रूप में उठाया. सत्ता नहीं मिलने के बावजूद तेजस्वी यादव ने महागठबंधन को 110 सीट जीतने में मदद की थी.

लालू के लाल तेज प्रताप कितना करेंगे कमाल?

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने भी जीत का सिलसिला बरकरार रखा. बिहार विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप यादव ने महुआ की जगह हसनपुर सीट को चुना. चुनाव प्रचार के दौरान लालू प्रसाद यादव की गैर-मौजूदगी में तेज प्रताप यादव उनकी कमी पूरी करते भी दिखे थे. तेज प्रताप यादव ने चुनावी मंच से बेरोजगारी और विकास को मुद्दा बनाकर एनडीए पर खूब हमले किए थे. चुनावी रिजल्ट के बाद भी तेज प्रताप यादव का सरकार पर हमला जारी है.

बिहार में कितने रौशन होंगे लोजपा नेता चिराग?

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान लोजपा के फाउंडर और कद्दावर नेता राम विलास पासवान का निधन हो गया था. उनके निधन के बाद बेटे चिराग पासवान ने बिहार में पार्टी को लीड किया. खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का हनुमान कहने वाले चिराग ने एनडीए से बाहर निकल विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. जेडीयू के अलावा दूसरी पार्टियों ने लोजपा के सुप्रीमो चिराग पासवान और उनकी पार्टी पर तंज कसे. चुनावी नतीजों में लोजपा सिर्फ एक सीट पर सिमट गई. चिराग के मुताबिक पार्टी ने लक्ष्य पा लिया. बॉलीवुड में फ्लॉप करियर के बाद चिराग कितने रौशन होंगे? इसका पता कल चलेगा.

चुनाव में हारी, पुष्पम प्रिया से उम्मीदें भी बाकी

बिहार विधानसभा चुनाव में प्लुरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया चौधरी ने भी खूब सुर्खियां बटोरी थी. चुनाव के पहले खुद को पार्टी की सीएम कैंडिडेट घोषित कर चुकी पुष्पम प्रिया चौधरी ने सोशल मीडिया पर बिहार को आगे बढ़ाने का एजेंडा भी रखा था. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई कर चुकीं पुष्पम प्रिया चौधरी ने बिहार के विकास के लिए कई प्लान साझा किए. उन्होंने लंदन की तर्ज पर बिहार के विकास का भरोसा दिया. हालांकि, बिहार चुनाव में उनको बुरी तरह हार मिली. लेकिन, उम्मीदें बाकी हैं.

नेशनल शूटर श्रेयसी सिंह पर भी टिकी उम्मीद

जमुई सीट से पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने वाली श्रेयसी सिंह भी युवा चेहरों में शामिल हैं, जिनसे बिहार की जनता को काफी उम्मीदें हैं. नेशनल लेवल की शूटर श्रेयसी सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय दिग्विजय सिंह की बेटी हैं. 29 साल की श्रेयसी सिंह ने चुनाव में विकास, शिक्षा और बेरोजगारी जैसे मुद्दे को उठाया था. उन्हें स्पोर्ट्स एक्टिविटी में हर मदद देने की बात भी कही थी. श्रेयसी सिंह खुद खिलाड़ी रह चुकी हैं. उनका ध्यान राज्य के यंग टैलेंट और उनकी फिजिकल फिटनेस को बढ़ाने पर है.

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शॉटगन के राजनीतिक वारिस बनेंगे लव सिन्हा?

बिहार विधानसभा चुनाव में कई युवा नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा था. उनमें एक नाम शॉटगन और राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा का भी है. पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे लव सिन्हा को रिजल्ट में करारी हार का सामना करना पड़ा था. लव सिन्हा के पिता शत्रुघन सिन्हा बिहार और देश की राजनीति में बड़ा नाम रह चुके हैं. उन्होंने फिल्मों में भी सुपरस्टार का खिताब हासिल किया. सवाल यह है- क्या लव सिन्हा उनके राजनीतिक वारिस हो सकेंगे?

Posted : Abhishek.

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