एनआइए के हत्थे चढ़ा जफर अब्बास पाकिस्तान आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ओवरग्राउंड वर्कर नकला है. वह बिहार के विभिन्न बैंकों में फेक एकाउंट खोलकर लगभग 50 करोड़ तक की राशि आतंकी संगठनों के कश्मीर व अन्य स्थानों पर खर्च किये जाने की बात सामने आते ही सुरक्षा एजेंसिया सतर्क हो गयी हैं. जफर अब्बास की गिरफ्तारी के बाद चौंकाने वाली बातें सामने आयी हैं.
मांझा थाने के पथरा गांव का रहने वाला जफर अब्बास पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के हैंडलर हैदर के संपर्क में था और उसकी गाइडलाइन के अनुरूप काम करता रहा. हैंडलर के कहने पर ही एक फेक महिला के नाम पर मोबाइल नंबर 8420412839 लेकर जम्मू के बारामुला के रहने वाले मुनीर अहमद कटारिया को उपलब्ध कराया था.
कश्मीर से तार जुड़ने पर एनआइए ने पकड़ा
बारामुला के मुनीर अहमद कटारिया व कुपवाड़ा के अरसीद अहमद लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करते है. उनको बिहार से जफर अब्बास सहयोग कर रहा था. कश्मीर से तार जुड़ते ही सुरक्षा एजेंसियों जफर अब्बास के नेटवर्क से जुड़े लोगों की तलाश में जुटी है. उसके नेटवर्क में कई युवकों के शामिल होने की बात सामने आयी है. बैंक खातों का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है. जहां से पाक से राशि मंगायी गयी है. फेक एड्रेस पर बैंकों में खाता कैसे खुला, इसकी भी जांच की जा रही है.
क्या है ओवरग्राउंड वर्कर
ओवरग्राउंड वर्कर को संक्षेप में ओजीडब्ल्यू कहा जाता है. ये आम लोगों की तरह रहकर आतंकियों के लिए काम करते है. किसी घटना को अंजाम देने के लिए आजीडब्ल्यू आतंकवादियों के लिए जमीन तैयार करते है. यह आतंकियों तक सुरक्षाबलों की सूचनाएं पहुंचाने के साथ ही उनके लिए हथियार, पैसा,मानवीय सहायता, नकद, सुरक्षित ठिकाने और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराते है.
ट्रांजिट रिमांड पर जफर को लेकर दिल्ली लौटी एनआइए
दिल्ली के एनआइए थाने में छह नंवंबर को दर्ज कांड संख्या आरसी 30/2021 में एनआईए की टीम ने सात नवंबर को मांझा थाना क्षेत्र के पथरा से गिरफ्तारी जफर अब्बास को सीजेएम चंद्रमणि कुमार के कोर्ट में बुधवार की देर शाम उपस्थित कराया. वहां से पांच दिनों के ट्राजिट रिमांड पर लेकर एनआइए की टीम दिल्ली लौट गयी.
Posted by: Radheshyam Kushwaha