पटना. जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जायका) की केंद्रीय टीम अगले छह माह पटना में रह कर पटना मेट्रो की पूरी व्यवस्था का आकलन करेगी. टीम के सदस्य पटना मेट्रो के लिए प्रस्तावित दोनों रूट पर पाइलिंग से लेकर स्टेशन व डिपो निर्माण कार्यों का अध्ययन करेगी और उसके मुताबिक तकनीकी सलाह प्रदान करेगी.
कार्यों से संतुष्ट होने पर इस दौरान ही ऋण भी मंजूर किया जायेगा. मालूम हो कि 13,925 करोड़ रुपये के पटना मेट्रो प्रोजेक्ट में केंद्र व राज्य सरकार की हिस्सेदारी मात्र 20-20 प्रतिशत है. 60 प्रतिशत राशि वित्तीय संस्थाओं से मिलनी है.
टीम में जायका के जापान से आये कुछ वरीय अधिकारी भी शामिल हैं. उनके लिए पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा आवास और खान-पान की व्यवस्था की गयी है. कंपनी ने बकायदा जापानी खाना बनाने वाले रसोइए की नियुक्ति के लिए टेंडर निकाला है.
फिलहाल पटना मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर (मलाही पकड़ी से आइएसबीटी) पर तेजी से काम चल रहा है. अंडरग्राउंड रूट पर काम शुरू करने के लिए बड़े फंड की आवश्यकता है. इसके लिए पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) विदेशी निवेशक जायका से उम्मीद लगा कर बैठा है. जायका से वित्तीय सहयोग मिलते ही एक दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. मीठापुर से पटना जू और पटना जू से पाटलिपुत्र स्टेशन (बेली रोड) तक अंडरग्राउंड रूट पर 2110 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
वर्तमान में पीएमआरसीएल डिपो के जमीन पर कब्जा मिलने के इंतजार में है. इसके लिए पटना सिटी के रानीपुर और पहाड़ी मौजा में 76 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जा रही है.जिला प्रशासन ने अंतिम रूप से जमीन चिह्नित कर मुआवजा भुगतान को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है.