पटना जू में मगध के बाद बबली की मौत से मचा हड़कंप, जानें क्या है मादा जेबरा की मौत की वजह..

पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में शावक बाघ मगध की मौत के 22 दिन बाद एक मादा जेबरा बबली की भी मृत्यु हो गयी है. उसकी उम्र सात साल थी. उसे वन्यप्राणियों के अदला- बदली कार्यक्रम के तहत कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाघर से 26 जून, 2019 को पटना जू लाया गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2023 11:36 AM

संजय गांधी जैविक उद्यान में शावक बाघ मगध की मौत के 22 दिन बाद एक मादा जेबरा बबली की भी मृत्यु हो गयी है. उसकी उम्र सात साल थी. उसे वन्यप्राणियों के अदला- बदली कार्यक्रम के तहत कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाघर से 26 जून, 2019 को पटना जू लाया गया था. गुरुवार को केज में जब मादा जेबरा को पशुपालक ने गिरा पाया, तो इसकी सूचना उद्यान के पशुचिकित्सा पदाधिकारी और रेंज ऑफिसर, जंतु प्रक्षेत्र को दी. सूचना के मिलते ही इन पदाधिकारियों ने केज में जाकर जेबरा को देखा और जांच की. जांच के दौरान इसकी मृत्यु की पुष्टि की गयी. इसकी सूचना वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को भी दी गयी.

हार्ट अटैक से हुई मौत

जू प्रशासन ने बताया कि मादा जेबरा बिल्कुल स्वस्थ और सक्रिय थी. इसमें पहले से किसी तरह की बीमारी के कोई लक्ष्ण नहीं थे. पटना जू में निदेशक, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण, पटना की उपस्थिति में बिहार वेटनरी कॉलेज के विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों और उद्यान के पशु चिकित्सका पदाधिकारी के ओर से इसका पोस्टमार्टम किया गया. विशेषज्ञों ने इसकी मृत्यु का कारण अचानक से हृदयगति का रुक जाना बताया गया है. विस्तृत जांच के लिए इसके सैंपल को संगृहीत किया गया है, जिसे विशिष्ट संस्थानों को जांच के लिए भेजा जा रहा है. मालूम हो कि एक जेबरा की जीवन काल 25 साल का होता है.

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मैसूर जू से मादा व नर जेबरा लाये गये थे

मादा जेबरा बबली के पार्टनर की मौत 2021 में हो गयी थी, जिसके बाद वह डेढ़ साल तक बिल्कुल अकेली रही. जू प्रशासन की ओर से इसी महीने एक मादा और एक नर जेबरा को एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत मैसूर जू से लाया गया था. अभी इन दोनों जानवरों को कोरेंटिन में रखा गया है.

इसी महीने शावक बाघ मगध की हुई थी मृत्यु

एक फरवरी को बाघिन संगीता के चार शावकों में से एक शावक मगध की मौत हो गयी थी. उस वक्त चिकित्सकों द्वारा जांच करने पर पता चला है कि शावक मगध के लंग्स में इन्फेक्शन होने की वजह से मौत हुई थी. इसी दौरान बचे हुए तीनों शावकों और उनकी मां के स्वास्थ्य की जांच में विक्रम शावक में भी इन्फेक्शन मिला था. लगातार डॉक्टरी देख-रेख और दवाओं की मदद से अभी उसकी हालत में सुधार है. फिलहाल उसे अपनी मां और दो अन्य शावकों से अलग पटना जू में मौजूद आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है. यहां चिकित्सकों के देख-रेख में 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है.

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