JSSC पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग पर बजट से पहले झारखंड विधानसभा में भाजपा का प्रदर्शन
जेएसएससी पेपर लीक मामले में कई सफेदपोश शामिल हैं. भाजपा के सीनियर लीडर ने कहा कि इस घोटाले में कई बड़े लोग शामिल हैं. कुछ इस सदन में भी हैं.
झारखंड में चंपाई सोरेन की अगुवाई वाली महागठबंधन (झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल) की सरकार अपना पांचवां और आखिरी बजट पेश करने जा रही है. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के बजट पेश करने से पहले ही मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) ने सदन के बाहर JSSC पेपर लीक मुद्दे पर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इन्होंने जेएसएससी पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग की.
भाजपा विधायकों ने JSSC पेपर लीक के खिलाफ किया प्रदर्शन
भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने हाथों में तख्तियां ले रखीं थीं, जिस पर कई तरह के नारे लिखे थे. भाजपा विधायकों की मांग है कि झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (JSSC) की ओर से आयोजित कॉमन ग्रेजुएट लेवल एग्जाम (जेएसएससी सीजीएल 2023) का पेपर लीक होने के मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए. वहीं, सरकार का कहना है कि एसआईटी मामले की जांज कर रही है. एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
पेपर लीक मामले में शामिल हैं कई सफेदपोश : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कहना है कि जेएसएससी पेपर लीक मामले में कई सफेदपोश लोग शामिल हैं. भाजपा के सीनियर लीडर ने सोमवार (26 फरवरी) को सदन में कहा था कि इस घोटाले में कई बड़े लोग शामिल हैं. इसमें कुछ लोग इस सदन में भी बैठे हैं. ऐसे बड़े लोगों की जांच एसआईटी कभी नहीं कर पाएगी. इसलिए सीबीआई जैसी निष्पक्ष संस्था से इसकी जांच कराई जानी चाहिए.
एसआईटी जांच पर भाजपा को नहीं है भरोसा
झारखंड विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे विधायकों ने हाथों में तख्तियां ले रखीं थीं, जिस पर ‘जेएसएससी पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराओ’, ‘युवा कर रहे हाहाकार, सोई है झारखंड सरकार’ और ‘युवाओं ने दिया था मौका, बदले में मिला सिर्फ धोखा’ जैसे नारे लिखे थे. मुख्य विपक्षी दल का कहना है कि उन्हें एसआईटी जांच पर भरोसा नहीं है. पेपर लीक मामले में सरकार से जुड़े लोग शामिल हैं, इसलिए एसआईटी कभी उनकी जांच नहीं कर पाएगी.
28 जनवरी को हुई जेएसएससी सीजीएल परीक्षा का पेपर हुआ था लीक
बता दें कि 28 जनवरी को हुई जेएसएससी सीजीएल 2023 परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हो गए थे. इसके बाद छात्रों का आक्रोश भड़क उठा और उन्होंने इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. 31 जनवरी को छात्र संगठनों ने राजधानी रांची के नामकुम स्थित जेएसएससी मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया. जेएसएससी के चेयरमैन की कार में तोड़फोड़ भी कर दी. इसके बाद 28 जनवरी की परीक्षा को रद्द कर दिया गया. साथ ही 4 फरवरी 2024 को होने वाली सीजीएल की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया.
जेएसएससी मुख्यालय पर प्रदर्शन मामले में 4000 पर प्राथमिकी दर्ज
इस मामले में पुलिस ने 15 छात्र नेताओं को नामजद करते हुए 4,000 अज्ञात अभ्यर्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इसका विरोध किया. सरकार से मांग की कि छात्रों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे को सरकार अविलंब वापस ले. विधानसभा में भी भाजपा इसके खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रही है.