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जमीन के बदले नौकरी मामला: लालू के करीबी भोला यादव करते थे सारा मैनेज! जानिए CBI के पूरक चार्जशीट में क्या है..

जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू यादव के करीबी भोला यादव की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. जानिए क्या है ताजा अपडेट..

रेलवे के जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआइ ने बुधवार को दिल्ली की राउज ऐवेन्यू अदालत में पूरक आरोप पत्र दायर किया. यह मामला राजद प्रमुख लालू यादव और उनके परिवार के कई सदस्यों से जुड़ा है.सीबीआइ ने अपने पूरक अरोप पत्र में तीन को आरोपी बनाया है. जिन लोगों के खिलाफ सीबीआइ ने चार्जशीट दायर किया है उनमें रेलवे में नौकरी लेने वाले अशोक कुमार और बबीता के अलावा रेल मंत्री के समय लालू प्रसाद के ओएसडी रहे पूर्व विधायक भोला यादव के भी नाम शामिल हैं.

भोला यादव को सीबीआई ने बताया किंगपिन

बता दें कि भोला यादव, लालू प्रसाद के स्पेशल आफिसर थे.अरोप पत्र के अनुसार भोला यादव ही सारा प्रबंधन कर रहे थे और अधिकारियों को निर्देश देते थे.आरोप पत्र में कहा गया है कि रेलवे में नौकरी के नाम पर अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर जमीन का निबंधन करवाया गया और लोगों को नौकरी दी गयी. यह जमीन प्रचलित सर्कल रेट से कम कीमत पर और बाजार दर से बहुत कम कीमत पर हासिल की गयी थी.

सीबीआई का आरोप..

सीबीआइ ने कहा कि घोटाला तब हुआ जब लालू प्रसाद 2004 और 2009 के दौरान रेल मंत्री थे. इससे पहले, सीबीआइ ने मध्य रेलवे, मुंबई और पश्चिम मध्य रेलवे में अन्य उम्मीदवारों की नियुक्ति के संबंध में अक्टूबर 2022 और जुलाई 2023 में आरोप पत्र दायर किया था. रेलवे के अन्य जोन में की गई इसी तरह की संलिप्तता के संबंध में भी जांच जारी है.अदालत ने 28 फरवरी को इस मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को जमानत दी थी.

पहले सब्स्टिटूट के रूप में नौकरी पर रखे जाते थे,फिर स्थायी किया जाता था

सीबीआइ ने आरोप पत्र में कहा है कि जांच से पता चला है कि पहले उम्मीदवारों को सब्स्टिट्यूट के रूप में नौकरी पर रखे जाते थे,फिर उन्हें स्थायी कर दिया जाता था.आवश्यकता के बिना उनकी नियुक्ति की गयी थी. अभ्यर्थियों के आवेदन और संलग्न दस्तावेजों में कई विसंगतियां पायी गयी, उनकी नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए थी, लेकिन फिर भी की गयी.

जमीन के बदले नौकरी मामले में उलझा लालू परिवार

बता दें कि जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू परिवार की परेशानी बढ़ी हुई है. लालू परिवार के सदस्यों से इस मामले में जांच एजेंसी पूछताछ कर चुकी है. वहीं अदालत में भी समय-समय पर पेशी होती रही है. इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बेतिया में हुई अपनी रैली में जमीन के बदले नौकरी मामले को उठाया और बिना नाम लिए लालू यादव पर हमला बोला था.

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