Chaibasa News : किराये के मकान में रहने को विवश महिला कॉलेज की 4600 छात्राएं
Mahila College Hostel News|पश्चिमी सिंहभूम के जिला मुख्यालय चाईबासा में आदिवासी बहुल क्षेत्र में महिलाओं की उच्च शिक्षा के लिए महिला कॉलेज की नींव रखी गयी है. जहां कोल्हान समेत राउरकेला से हर श्रेणी की छात्राएं यहां पढ़ने आती हैं.
Mahila College Hostel News|पश्चिमी सिंहभूम के जिला मुख्यालय चाईबासा में आदिवासी बहुल क्षेत्र में महिलाओं की उच्च शिक्षा के लिए महिला कॉलेज की नींव रखी गयी है. जहां कोल्हान समेत राउरकेला से हर श्रेणी की छात्राएं यहां पढ़ने आती हैं. वर्तमान में कॉलेज में इंटरमीडिट, स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाली छात्राओं की संख्या पांच हजार के करीब है. लेकिन छात्रावास के अभाव में महज 400 छात्राओं को ही परिसर में रहने की सुविधा है.
छात्रावास के लिए सैकड़ों आवेदन पड़े हैं. बाहर से आकर कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं की संख्या लगभग तीन हजार से अधिक है. छात्रावास की सुविधा नहीं होने की वजह से इन छात्रों को पेइंग गेस्ट के रूप में या अलग से किराया लेकर रहना पड़ता है. इससे अतिरिक्त समय और धन दोनों खर्च होते हैं. बाहर रहने रहने वाली छात्राओं को 100 से डेढ़ सौ रुपये रोजाना खर्च करना पड़ता है.
Table of Contents
- महिला कॉलेज की छात्राओं ने हॉस्टल के लिए लगायी गुहार
- ग्रामीण क्षेत्रों से आकर पढ़ती हैं 5 हजार से अधिक छात्राएं
कॉलेज में छात्रावास की स्थिति
मालूम हो कि कॉलेज निर्माण के बाद से अब तक परिसर में 6 छात्रावास का निर्माण हुआ है. जिसमें सभी की स्थिति अलग-अलग है. इससे छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
Read Also : चाईबासा महिला कॉलेज की प्राचार्या को हटाने की मांग
पद्मावती सामान्य छात्रावास
पद्मावती सामान्य छात्रावास में सामान्य श्रेणी के अतिरिक्त ओबीसी श्रेणी की छात्राएं मेरिट के आधार पर राखी जाती हैं, जिसमें लगभग 200 छात्राएं रहती हैं.
आदिवासी बालिका छात्रावास
आदिवासी बालिका छात्रावास में लगभग 100 आदिवासी छात्राएं रहती हैं.
राधे सुम्बरुई आदिवासी बालिका छात्रावास
राधे सुम्बरुई आदिवासी बालिका छात्रावास में लगभग 50 छात्राएं रहती हैं.
पीजी जनजाति बालिका छात्रावास
पीजी जनजाति बालिका छात्रावास का निर्माण कल्याण विभाग ने करवाया है. इस छात्रावास का उपयोग कौशल विकास विभाग द्वारा छात्राओं को प्रशिक्षण के लिए होता है.
Read Also : चाईबासा : एक साल बाद भी अधूरा है नाली का निर्माण, ग्रामीण आक्रोशित
यूजीसी के फंड से बना सामान्य छात्रावास
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के फंड से बने सामान्य छात्रावास का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो पाया है.
जगजीवन राम छात्रावास
जगजीवन राम छात्रावास में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है. जिससे इसका उपयोग नहीं होता है. इसे प्रशिक्षण के लिए कौशल विकास विभाग को दिया गया है.
क्या कहती हैं छात्राएं
बाहर रहने से अधिक पैसा और समय दोनों खर्च होता है. आने-जाने के अलावा भोजन की व्यवस्था में अतिरिक्त समय लगता है.
बोनिता महतो, बीएड की छात्रा
प्रथम सेमेस्टेर में अलग से घर लेना पड़ता है. जिसमें अधिक पैसे खर्च होते हैं. छात्रावास मिलने पर कई सुविधाएं मिल जाती हैं.
पद्मावती महतो, बीएड की छात्रा
छात्रावास की सुविधा होनी चाहिए. जिसमें सुरक्षा समेत कई सुविधाएं मिल जाती हैं. पढ़ाई भी सहजता के साथ समय पर होती है.
इवेंजलि कुमार, स्नातक की छात्रा
छात्रावास में रहकर पढ़ने में कई सुविधा मिलती है. इसके के लिए आवेदन किया है. इससे पैसे व समय की बचत होगी.
लिपिका दास, बीएड छात्रा
क्या कहतीं हैं महिला कॉलेज की प्रधानाचार्य
छात्रावास की सुविधा अभी नहीं है. कौशल विभाग का छात्रावास हैंडओवर होने पर इसे दिया जा सकेगा. छात्राएं कमेटी बनाकर सेल्फ मैनेज्ड छात्रावास चला सकती हैं.
प्रीतिबाला सिन्हा, प्रधानाचार्या, महिला कॉलेज चाईबासा
साइंस-आर्ट्स मिलाकर छात्राओं की संख्या
- इंटरमीडिट : लगभग 1500
- स्नातक : लगभग 2700
- बीएड : 200
- स्नातकोत्तर : लगभग 75