बिहार में छात्राओं का खाता खुलवाकर साइबर ठगी के पैसे मंगाता था कंप्यूटर टीचर, कोचिंग सेंटर में हुई छापेमारी
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक कोचिंग सेंटर में छापेमारी की गयी. एक टीचर को गिरफ्तार किया गया है.
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में साइबर थाने की पुलिस ने साहेबगंज में एक बड़े साइबर फ्रॉड गिरोह के नेटवर्क को पकड़ा है. पुलिस ने एक कोचिंग संचालक के भाई को उठाया है जो पेशे से कंप्यूटर का शिक्षक भी है. चर्चा है कि छात्रवृत्ति के नाम पर 50 से 60 छात्राओं के नाम से अकाउंट खोलकर उसमें साइबर फ्रॉड की राशि मंगवाता था. करोड़ों रुपए की ठगी का यह मामला हो सकता है. पुलिस जांच में जुटी हुई है.
कोचिंग संचालक का कंप्यूटर टीचर भाई उगलेगा राज
बताया जाता है कि फ्रॉड की राशि करोड़ों में है. पकड़ा गया कोचिंग संचालक का भाई कंप्यूटर टीचर भी है. फिलहाल साइबर थाने की पुलिस उसको गुप्त स्थान पर रखकर पूछताछ कर रही है. साइबर डीएसपी सह थानेदार सीमा देवी का कहना है कि अभी कार्रवाई के बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है. जांच की जा रही है, कार्रवाई पूर्ण होने के बाद ही जानकारी दी जाएगी.
कोचिंग सेंटर में छापेमारी, संचालक फरार..
साहेबगंज थाना क्षेत्र में हो रही चर्चा के अनुसार , साइबर थाने की पुलिस ने शनिवार की सुबह ही चौक के एक कोचिंग सेंटर में छापेमारी करने पहुंची. साइबर थाने की पुलिस कोचिंग संचालक की तलाश कर रही थी. मौके से ही पुलिस ने संचालक के भाई को उठाया है. हालांकि, संचालक अभी तक फरार चल रहा है.
इंटर कॉलेज के रिटायर टीचर का भी हाथ! छात्राओं के खाते का गलत इस्तेमाल किया
बताया जा रहा है कि उसने इंटर कॉलेज के एक अवकाश प्राप्त शिक्षक के साथ मिलीभगत कर छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर 60 छात्राओं का खाता खोल रखा था. उनके खाते में साइबर फ्रॉड की राशि मंगवाता था. छात्राओं के खाते में पांच हजार से दस लाख तक रुपये आने की बात कही जा रही है .
आधा दर्जन छात्राओं से भी हुई पूछताछ
साइबर पुलिस ने आशापट्टी परसौनी व चकवा जगदीशपुर इलाके की आधा दर्जन छात्राओं से भी पूछताछ की है. जिनके खाते में साइबर फ्रॉड के रुपये आने की बात कही जा रही है. हालांकि, पूछताछ के बाद छात्राओं को उनके घर भेज दिया गया है. साइबर थाने की पुलिस अगर साइबर फ्रॉड गिरोह के नेटवर्क के जड़ तक पहुंचने में कामयाब होती है तो जिला पुलिस की साइबर फ्रॉड गिरोह के खिलाफ पहली बड़ी कामयाबी होगी. करोड़ों रुपये के साइबर फ्रॉड का खुलासा हो सकता है.