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धनबाद: गोलियों की तड़तड़ाहट व बम के धमाकों से दहल उठा तेतुलमुड़ी कोल डंप, वर्चस्व को लेकर बना रणक्षेत्र

Crime News: धनबाद का तेतुलमुड़ी कोल डंप गोलियों की तड़तड़ाहट व बम धमाकों से दहल उठा. वर्चस्व व रंगदारी को लेकर इस वारदात को अंजाम दिया गया.

By Guru Swarup Mishra | March 9, 2024 9:24 AM
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सिजुआ (धनबाद): झारखंड के धनबाद जिले के सिजुआ क्षेत्र के मोदीडीह कोलियरी के तेतुलमुड़ी में शुक्रवार को वर्चस्व व रंगदारी को लेकर इलाका रणक्षेत्र में तब्दील रहा. जमकर गोलीबारी व बम चले.इससे पूरा क्षेत्र थर्रा उठा.बम-गोलियों की तबतड़ाहट से इलाका दहल गया. झामुमो, कांग्रेस व भाजपा के असंगठित मजदूरो के आमने-सामने हुई भिंड़त में पुलिस के समक्ष आधा दर्जन से अधिक बम व 50 राउंड फायरिंग हुई. इस दौरान दंडाधिकारी के रूप मे तैनात अधिकारी का वाहन, पत्रकार की बाइक को भी कुछ आसमाजिक तत्वों ने निशाना बनाकर क्षतिग्रस्त कर दिया. आचानक हुई इस घटना से कतरास-धनबाद मुख्य मार्ग के सिजुआ 10 नंबर मोड़ व डंपिंग इलाके में भगदड़ की स्थिति बन गयी थी. पुलिस के जवानों ने आखिरकार मोर्चा संभाला.

रणक्षेत्र में तब्दील रहा इलाका
हर कोई अपनी जान बचाने के लिये इधर से उधर भाग रहे थे. बिगड़ती स्थिति को देखते हुए बाघमारा एसडीपीओ के अंगरक्षक तथा हाउस गार्ड ने मोर्चा संभालते हुए फायरिंग व बम चलाने वालों को ललकारते हुए खदेड़ा. इसके बाद कुछ देर के लिये डंप में शांति छा गयी, किंतु कुछ ही देर बाद एक पक्ष के लोग दूसरी ओर से अचानक आ धमके और ललकराते हुए फिर फायरिंग करनी शुरू कर दी. इसी बीच मौके पर मौजूद अन्य पुलिस के जवान भी एक्शन में आ गये. पुलिस के कड़े तेवर को देख असामाजिक तत्व के लोग वहां से भाग खड़े हुए. फिलहाल यहां तनाव की स्थिति बनी हुई. पुलिस ने भी यहां मोर्चाबंदी की है.

कैसी घटी घटना
तेतुलमुड़ी कोल डंप में मैनुअल लोडिंग की मांग को लेकर एटक समर्थकों का चक्का जाम आंदोलन गुरुवार से आरंभ हुआ था. आंदोलन के दूसरे दिन शुक्रवार आंदोलनकारी धरना स्थल पर बैठे थे, जबकि झामुमो-कांग्रेस के असंगठित मजदूर इसे रोजगार हनन की बात कह बंद का विरोध कर रहे थे. विरोध में ये लोग हाथो में झामुमो एवं कांग्रेस का झंडा थामे अलग-अलग जुलूस निकाला. पहला जुलूस सिजुआ 10 नंबर मोड़ एवं दूसरा जुलूस नया मोड़ की ओर से डंप के प्रवेश द्वार के समीप पहुंची ही थी कि पुलिस उनलोगों को रोकने की कोशिश में जुट गयी. इसी बीच अचानक से गोलियों की तड़तड़ाहट एवं बम का धमाका होने लगा. देखते ही देखते क्षेत्र में भगदड़ मच गयी. दोनों तरफ से पत्थरों की बारिश होने लगी. दोनों पक्ष एकदूसरे को ललकारने लगे. जब तक पुलिस सक्रिय होती, तब तक कई राउंड गोली व बम चल चुके थे.

पुलिस पर पक्षपात का आरोप
कांग्रेस-झामुमो समर्थक गोली-बम चलने की घटना के बाद काफी उग्र हो गये. पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. इस दौरान आंदोलन कर रहे एटक समर्थक धरना स्थल से भाग खड़े हुए. आक्रोशित झामुमो-कांग्रेस समर्थको की भीड़ ने एटक के धरना स्थल पर हमला बोल दिया. पंडाल में तोड़फोड़ के साथ कुछ बाइक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. साथ ही इसके बाद ये लोग डंप में घुस गये और पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया. झामुमो व कांग्रेस समर्थक असंगठित मजदूरों का आरोप था कि आंदोलन कर रहे लोग पुलिस के संरक्षण में धरना दे रहे थे. दो दिनों से यहां गोली-बम व लाठी जमाकर रखा गया था. बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस की मौजूदगी में गोली-बम चलाया गया और पुलिस की टीम मूकदर्शक बनी रही.

पहले भी डंप हो चुका है रक्तरंजित
कोल डंप पर गोली-बम का चलना कोई नहीं घटना नहीं है. इसके पहले भी डंप पर गोली-बम-पथराव की घटना घट चुकी है. जिसमें अन्य लोगों के साथ-साथ कई पुलिस कर्मी भी घायल होते रहे हैं. बावजूद इसके पुलिस ने पूर्व की घटनाओं से सबक नहीं लिया. असामाजिक तत्वों से निपटने जैसी तैयारी पुलिस की होनी चाहिए थी, नहीं किया गया था. डंप क्षेत्र में धारा 144 नहीं लगायी गयी थी. ना ही परिस्थित से निपटने के लिये वज्रवाहन मंगाया गया था. परिणामस्वरूप पूरा इलाका बम वा गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा.

इसे संयोग कहें या इत्तेफाक
तेतुलमुड़ी डंप का पूरा इलाका जोगता थाना क्षेत्र के अधीन है. विधि-व्यवस्था धनबाद अनुमंडल के जिम्मे है. बावजूद बाघमारा एसडीपीओ कार्यालय के निकट डंप रहने के कारण उनके जवानों ने मोर्चा संभाल स्थिति को काबू किया. वर्ष 2022 सितंबर डंप सुचारू रूप से शुरू हुआ. कुछ ही दिनों के बाद तत्कालीन थानेदार पंकज वर्मा का यहां से तबादला बलियापुर हो गया, जबकि उनके स्थान पर दीपक कुमार को जोगता थाना प्रभारी के रूप में नियुक्ति की गयी. नियुक्ति के दूसरे दिन ही डंप में दो पक्षों के बीच जमकर पथराव की घटना हुई. तब घटना के बाद दर्जनों लोगों के खिलाफ जोगता थाना में कांड अंकित किया गया. जिसमें कई लोगों को पकड़ कर जोगता पुलिस ने जेल भी भेजा. इसके बाद दीपक के हटने के बाद नये थानेदार रवि कुमार सिंह की पदस्थापना होने के बाद डंप में गोली-बम चल गये.

24 घंटे में बदल गयीं परिस्थितियां
चार सूत्री मांगों को लेकर एटक का बेमियादी धरने को लेकर डंप की चारों तरफ डंडे पड़े थे. वहीं शुक्रवार को हुई गोलीबारी व बमबाजी की घटना के बाद से एटक के झंडा के स्थान पर हर तरफ झामुमो व कांग्रेस का झंडा लहराने लगा. एटक के एक भी कार्यकर्ता धरना स्थल पर नहीं थे.

दंडाधिकारी के वाहन को किया क्षतिग्रस्त
धरने को लेकर जिला प्रशासन की ओर दंडाधिकारी के रूप में ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल धनबाद के जेईई बबलू दास को नियुक्त किया था. गुरुवार तथा शुक्रवार को श्री दास धरना स्थल पर मौजूद थे. इसी क्रम गोली-बम चल गये. असामाजिक तत्वों ने उनकी बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया. घटना के बाद श्री दास से पूछे जाने पर बताया कि बाइक क्षतिग्रस्त होने से करीब 25 हजार रुपये का नुकसान हुआ है. डंप परिसर में धारा 144 लगाने की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही इसकी सूचना आम लोगों को दे दी जायेगी.

दोषी बख्शे नहीं जायेंगे
धनबाद डीएसपी विधि व्यवस्था दीपक कुमार ने कहा कि विधि व्यवस्था के संधारण के लिए पुख्ता व्यवस्था की गयी थी. सुरक्षा व्यवस्था में कहां चूक हुई. इसका आकलन किया जा रहा है. विधि व्यवस्था को भंग करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा. दोषियों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. पुलिस की ओर से दोनों पक्षों पर कांड अंकित करने की तैयारी की जा रही है. आरोपियों की धर-पकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है. फिलहाल किसी पक्ष ने लिखित शिकायत नहीं की है.

पुलिस ने 6 बम व 2 जीवित कारतूस सहित कई खोखा किया जब्त
घटना के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा कई बम फोड़े गये थे. जिसमें आधा दर्जन से अधिक बम विस्फोट हुआ, जबकि कई बम फूटा ही नहीं था. जिसे पुलिस ने बाद में घटनास्थल से जब्त कर लिया है. छानबीन में पुलिस को दो नाइन एमएम का कारतूस घटनास्थल के पास मिला. इसके अलावा गोलीबारी की घटना में चलाये गये दर्जनों खोखा को पुलिस ने बरामद किया है.

पूर्व घोषित कार्यक्रम के दौरान हमला
एटक के प्रतिनिधियो ने सिजुआ स्टेडियम में प्रेस वार्ता का आयोजन कर कहा कि संयुक्त मोर्चा में शामिल प्रतिनिधियों ने अपने गुंडों की मदद से हमारे आंदोलनकारियों के ऊपर गोली-बम चलवाया है, ताकि हमारा आंदोलन असफल हो जाये. हमलोग जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि आंदोलन में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिये उचित कदम उठाये. मौके पर राजा राम यादव , प्रकाश बर्मा , गीता देवी , छोटू रवानी आदि थे.

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