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सावधान! सर्वे व रॉन्ग नंबर के नाम पर कॉल कर साइबर अपराधी कर रहे आवाज की चोरी

वॉइस क्लोनिंग के जरिए अब साइबर अपराधियों द्वारा खाते से धोखाधड़ी की जा रही है. अपराधी वॉयस क्लोनिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कर रहे हैं. ये क्रेडिट कार्ड और बीमा पॉलिसी समेत आकर्षक ऑफर के नाम पर कॉल कर वॉयस रिकॉर्डिंग करते हैं

चंदन सिंह , मुजफ्फरपुर. साइबर अपराधी आपके बैंक खातों में सेंधमारी करने के लिए रोज नए- नए तकनीक ईजाद कर रहे हैं वन टाइम पासवर्ड पूछकर, बिजली कनेक्शन काटने, लॉटरी लगने का झांसा देकर साइबर ठगी (Cyber Crime) करने का फार्मूला अब पुराना होता जा रहा है. साइबर अपराधी अब फ्रॉड के नए तरीके अपना रहे है. अपराधी अब सर्वे या रॉन्ग नंबर से कॉल करने की बात कह आपके आवाज की चोरी करता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आपके आवाज की क्लोनिंग तैयार करके आपके अपनों को फोन लगाएं फिर, तरह- तरह की मुसीबत या बहाना बनाकर आपके अपने या परिचित से रुपये का डिमांड कर फ्रॉड कर सकते हैं.

मुजफ्फरपुर में सामने आया मामला

तेलंगाना, एमपी, दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरू जैसे बड़े शहरों में इस तरह के मामले सामने आने के बाद अब मुजफ्फरपुर में भी इस तरह के फ्रॉड करने का पहला मामला सामने आया है. साइबर अपराधी ने एक रिटायर्ड कर्मचारी के बेटी के नाम पर कॉल करके फ्रॉड करने का प्रयास किया. आवाज भी उससे मिलती जुलती थी. लेकिन, जब 30 हजार रुपये का डिमांड किया तो वह पैसा भेजने से पहले अपनी बेटी के नंबर पर कॉल लगा दिया. तो उसका फोन नहीं लगा.

उसकी रूम पार्टनर को फिर कॉल किया तो उसने बताया कि उसे किसी तरह की पैसे की जरूरत नहीं है. किसी फ्रॉड ने कॉल किया होगा . रिटायर्ड कर्मचारी काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं, घटना के बाद वह थाने पहुंच कर जानकारी दी. हालांकि, राशि नहीं फ्रॉड होने के कारण उन्होंने एफआइआर नहीं दर्ज करवाया .

क्रेडिट कार्ड व बीमा पॉलिसी का हवाला देकर भी फ्रॉड करते हैं शातिर

बड़े शहरों में साइबर अपराधियों के द्वारा वॉयस क्लोनिंग कर के किये गये फ्रॉड को लेकर साइबर पुलिस की ओर से आम लोगों को सतर्क रहने की अपील की गयी है. पुलिस का कहना है कि फोन पर बात करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें. साइबर अपराधी सर्वे, रॉन्ग नंबर, क्रेडिट कार्ड व बीमा पॉलिसी के नाम पर कॉल करके आपकी आवाज को रिकॉर्ड कर लेगा. फिर एआइ के माध्यम से उसकी क्लोनिंग करेगा .

डीप फेक तकनीक का करते हैं प्रयोग, मुसीबत का बहाना बनाकर मांगते हैं रुपये

साइबर एक्सपर्ट की माने तो आपके आवाज को रिकॉर्ड करने के बाद साइबर अपराधी डीप फेक तकनीक जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से कमांड होती है उसका प्रयोग करके बात करने के तरीके को नकल कर लेते हैं. फिर, आवाज का उपयोग वह रिश्तेदार व आपके परिचितों को फोन करके करते हैं. फ्रॉड मुसीबत या किसी इमरजेंसी का हवाला देकर रुपये की डिमांड करते हैं. तरह – तरह का बहाना बनाकर रुपये मंगवा लेता है. यदि इमरजेंसी में रुपये डिमांड कॉल आये तो अपने रिश्तेदारों को कॉल करके सीधा पूछ ले. इसके बाद ही रुपये भेजे .

वॉयस चैट और कमांड ऐप पर बरतें सावधानी 

वाॅयस चैटिंग के दौरान आप संभल कर रहें. अज्ञात नंबर व अपरिचित के आने वाले कॉल को ज्यादा इंटरटेन नहीं करें . वॉयस चैट और किसी तरह के कमांड एप का इस्तेमाल करने से परहेज करें . वॉयस मैसेज भी भेजने में सावधानी बरतें

वॉयस क्लोनिंग करके साइबर फ्रॉड का नया ट्रेंड सामने आया है. पटना में इस तरह के मामले भी सामने आये हैं, मुजफ्फरपुर में अभी कोई उनके पास शिकायत लेकर नहीं आया है. इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए आप किसी भी अज्ञात नंबर से आये कॉल जो संदिग्ध या अपरिचित का है, उसको ज्यादा इंटरटेन नहीं करें. वॉयस चैट व कमांड एप से बचे. कोई अज्ञात नंबर से कॉल करके लुभावने ऑफर दे रहा है तो फोन तुरंत कट करें.

सीमा देवी, साइबर डीएसपी

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