दलमा जंगल की अंधाधुंध कटाई कर रहे अवैध शराब भट्ठियों के मालिक, वन विभाग जंगल को बचाने में नाकाम
एनएच से सटे आसनबनी, फदलोगोड़ा, पातीपानी, हलुदबनी आदि गांव के समीप घने जंगल के अंदर कई अवैध शराब की भट्टियां चल रही है. इन अवैध शराब भट्टियों में जंगल के बड़े-बड़े पेड़ों को काटकर जलाया जा रहा है.
जमशेदपुर:दलमा राजा सह देश प्रधान राकेश हेंब्रम ने कहा कि दलमा में पेड़-पौधे व जंगल की अंधाधुंध कटाई हो रही है और वन विभाग कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है. एनएच से सटे आसनबनी, फदलोगोड़ा, पातीपानी, हलुदबनी आदि गांव के समीप घने जंगल के अंदर कई अवैध शराब की भट्टियां चल रही है. इन अवैध शराब भट्टियों में जंगल के बड़े-बड़े पेड़ों को काटकर जलाया जा रहा है. वन विभाग के सजगता के बावजूद इस तरह बड़े-बड़े पेड़ों को काटा जाना समझ से परे है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों 20 मई को दलमा बुरू सेंदरा समिति के आह्वान पर दिसुआ सेंदरा का आयोजन किया गया था. इस दौरान वन देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करने के बाद पहाड़ी के नीचे स्थित विभिन्न गांवों में सेंदरा वीरों से मिलने के लिए गये थे. इस दौरान उन्होंने पहाड़ी के नीचे एक दर्जन से ज्यादा अवैध शराब भट्टियों को देखा जहां जंगल के पेड़ों को काटकर जलाया जा रहा था. इसपर उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों पर शराब माफियाओं के साथ मिलीभगत करने का भी आरोप लगाया है. श्री हेंब्रम ने कहा कि वन विभाग को दलमा में अवैध पेड़-पौधाें की अवैध कटाई पर अविलंब रोक लगाये. जंगलों अवैध कटाई को रोकने की मांग को लेकर जल्द ही आदिवासी स्वशासन व्यवस्था का एक प्रतिनिधिमंडल डीएफओ जमशेदपुर से मिलेगा. इस संबंध में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को भी ज्ञापन सौंपा जायेगा.
ग्रामीणों पर जंगल काटने का आरोप बेबुनियाद
राकेश हेंब्रम ने कहा कि हमेशा जंगल से सटे गरीब आदिवासी-मूलवासी पर जंगल काटने का आरोप लगाया जाता है. जलावन के लिए जंगल से सूखे लकड़ी को काटकर लाते हैं तो उनपर वन विभाग सख्ती बरती है. लेकिन शराब माफिया खूलेआम जंगल में शराब भट्ठियों का संचालन कर रहे हैं और जंगल के पेड़ों को काटकर जलावन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं तो वन विभाग चुपचाप बैठा हुआ है. श्री हेंब्रम ने कहा कि यह कोई आरोप-प्रत्यारोप वाली बात नहीं है. वन विभाग के अधिकारी आसनबनी, फदलोगोड़ा, पातीपानी आदि गांव के समीप घने जंगलों में जाकर देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारी चाहे तो वे उन शराब भट्ठियों को जाकर दिखा भी सकते हैं.
क्या कहते हैं वन विभाग अधिकारी
रेंजर दिनेश चंद्रा ने बताया कि उन्हें दलमा के नीचे घने जंगलों में शराब भट्टियों को चलाये जाने व उसमें जंगल के लकड़ियों को जलाये जाने की कोई जानकारी नहीं है. यदि कहीं ऐसा है तो अवैध शराब भट्टियों को बंद कराया जायेगा. लेकिन इससे पहले दलमा के नीचे घने जंगलों में भ्रमण करेंगे और वस्तु स्थिति की जानकारी लेंगे. शिकायत सही मिलने पर नियम व प्रावधान के तहत उनपर कार्रवाई भी किया जायेगा. जंगल को नुकसान पहुंचाने वालों को नहीं बख्शा जायेगा.