देश की माटी से अधिक मूल्यवान कुछ भी नहीं है. भारत वह देश है जहां के निवासियों ने अपनी संस्कृति और स्वाधीनता के लिए बड़ी- बड़ी कुर्बानियां दी हैं. दिल्ली के हिंदू कालेज में गुरुवार को मेरी माटी मेरा देश के अंतर्गत अमृत कलश यात्रा का शुभारंभ करते हुए प्राचार्या प्रो अंजू श्रीवास्तव ने कहा कि हिंदू कॉलेज भारतीय संस्कृति का भी वास्तविक प्रतिनिधि है, जहां कश्मीर से कन्या कुमारी तक के विद्यार्थी पढ़ने आते हैं. उन्होंने देश प्रेम को सबसे महान मूल्य बताया.
राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्त्वावधान में इस यात्रा में विद्यार्थियों, शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने भाग लिया. स्वयं सेवकों को दर्शनशास्त्र के प्रो एंटनी देवसिया, अर्थशास्त्र के डाॅ अब्दुल रहीम अंसारी और हिंदी की प्रो रचना सिंह ने संबोधित किया. महाविद्यालय परिसर में हुई इस यात्रा में देश के लगभग प्रत्येक राज्य के विद्यार्थियों ने अमृत कलश में देश की माटी अर्पित की. स्वयं सेवकों ने ‘मेरा देश मेरी माटी गोवा हो या गोहाटी’ जैसे नारे लगाते हुए यात्रा की. राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डाॅ पल्लव ने अंत में सभी का आभार व्यक्त किया. यह जानकारी हिंदू कॉलेज के राहुल सिंह पंवार ने दी.
गौरतलब है कि हिंदू काॅलेज में कई तरह के बौद्धिक और सांस्कृतिक आयोजन होते रहते हैं, इसी क्रम में हिंदी दिवस के अवसर पर भी काॅलेज में चर्चा और विमर्श का आयोजन हुआ था. उस वक्त प्रो मंजू श्रीवास्तव ने हिंदी और अपनी देशज भाषाओं पर विचार व्यक्त करते हुए कहा था कि हम अपनी भाषा को अपनाकर ही सच्चे अर्थों में भारत का विकास कर सकते हैं. इसकी वजह यह है कि मनुष्य अपनी भाषा में ही सबसे सहज होता है.
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