नयी दिल्ली: कोयला संकट की वजह से देश में सब कुछ बर्बाद हो जायेगा, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार इस समस्या का समाधान नहीं करना चाहती. वह संकट से भागना चाहती है. कोयला की कमी के मुद्दे को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उठाया है. लेकिन सरकार उसे झुठलाने में लगी है. यह बेहद गंभीर मामला है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रविवार को कहा कि कोयला संकट के मुद्दे पर सरकार ने आंखें बंद कर ली है. हर समस्या पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार का यही रवैया होता है. मामला कोयला संकट का हो, ऑक्सीजन संकट का हो या कोई और. किसी भी समस्या का हल सरकार के पास नहीं है. बीजेपी सरकार चलाने के काबिल नहीं है.
उन्होंने कहा कि कोयला संकट की वजह से बिजली संकट उत्पन्न होगा. इसकी वजह से उद्योग संकट में आ जायेंगे. और जब उद्योग-धंधे बंद हो जायेंगे, तो सब कुछ बर्बाद हो जायेगा. मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी से देश नहीं चल रहा. वे संकट से भागने के बहाने ढूंढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले ऑक्सीजन संकट के समय मोदी सरकार आंख बंद करके बैठी रही. अब बेशर्मी से कह रही है कोई कोयला संकट नहीं है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की सरकार, पंजाब, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश की सरकारें कह रही हैं कि कोयले की कमी है. कोयला संकट की वजह से बिजली उत्पादन ठप हो सकता है. लेकिन, मोदी सरकार इसे मानने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि आप अगर आंखें बंद कर लेंगे, तो सभी समस्याओं का समाधान नहीं हो जायेगा.
Posted By: Mithilesh Jha