नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के चार दोषियों की फांसी सोमवार को अगले आदेश तक के लिए टाल दी. चारों दोषियों को मंगलवार को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि ऐसे में जब दोषी पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका लंबित है, फांसी की सजा की तामील नहीं की जा सकती. अदालत ने यह आदेश पवन की उस अर्जी पर दिया जिसमें उसने फांसी पर रोक लगाने का अनुरोध किया था क्योंकि उसने राष्ट्रपति के समक्ष सोमवार को एक दया याचिका दायर की है.
अदालत ने उसके बाद उनसे कहा कि वह अपने मामले की जिरह के लिए दोपहर भोजनावकाश के बाद आएं. भोजनावकाश के बाद की सुनवायी के दौरान अदालत ने सिंह की यह कहते हुए खिंचाई की, आप आग से खेल रहे हैं, आपको सतर्क रहना चाहिए. किसी के द्वारा एक गलत कदम, और आपको परिणाम पता हैं.
सुनवायी के दौरान तिहाड़ जेल प्राधिकारियों ने कहा कि दया याचिका दायर होने के बाद गेंद अब सरकार के पाले में है और न्यायाधीश की फिलहाल कोई भूमिका नहीं है. प्राधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति जेल प्रशासन से पवन की दया याचिका पर एक स्थिति रिपोर्ट मांगेंगे और जब वह होगा, उससे फांसी की तामील पर स्वत: ही रोक लग जाएगी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने पवन के वकील ए.पी. सिंह से कहा था कि वह भोजन अवकाश के बाद आएं और बताएं कि फांसी पर रोक क्यों लगाई जाए. अदालत ने पवन और अक्षय कुमार सिंह की फांसी पर रोक की याचिका खारिज की.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने पवन के वकील ए.पी. सिंह से कहा था कि वह भोजन अवकाश के बाद आएं और बताएं कि फांसी पर रोक क्यों लगाई जाए. अदालत ने पवन और अक्षय कुमार सिंह की फांसी पर रोक की याचिका खारिज की.