23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एम्स-दिल्ली का सर्वर छठे दिन भी डाउन, हैकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी में मांगे 200 करोड़ रुपये

हैकिंग के कारण लगभग 3-4 करोड़ मरीजों का डेटा प्रभावित हो सकता है. एम्स के सर्वर में पूर्व प्रधानमंत्रियों, मंत्रियों, नौकरशाहों और न्यायाधीशों समेत कई अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीआईपी) का डेटा स्टोर है.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का सर्वर आज छठे दिन भी डाउन रहा. इससे जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि हैकर्स ने पैसों की भी डिमांड की है.

हैकर्स ने दिल्ली-एम्स से क्रिप्टोकरेंसी में मांगे 200 करोड़ रुपये

खबर आ रही है कि हैकर्स ने कथित तौर पर दिल्ली-एम्स से क्रिप्टोकरेंसी में करीब 200 करोड़ रुपये की मांग की है. सर्वर हैकिंग की खबर सबसे पहले बुधवार की सुबह आयी. उसके बाद लगातार छठे दिन भी इसे ठीक नहीं कराया जा सका. इस बीच, एनआईसी ई-हॉस्पिटल डेटाबेस और ई-हॉस्पिटल के लिए एप्लिकेशन सर्वर बहाल कर दिए गए हैं. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की टीम एम्स में स्थित अन्य ई-हॉस्पिटल सर्वर से इन्फैक्शन को स्कैन और साफ कर रही है, जो अस्पताल सेवाओं के वितरण के लिए आवश्यक हैं. ई-हॉस्पिटल सेवाओं को बहाल करने के लिए व्यवस्थित किए गए चार सर्वर को स्कैन करके डेटाबेस और एप्लिकेशन के लिए तैयार किया गया है.

Also Read: Online Phishing: ऑनलाइन गेम‍ का ID-पासवर्ड हैक कर लूटने वाले 2 हैकर्स अरेस्‍ट, गोरखपुर पुल‍िस ने पकड़ा

हैकिंग से 3-4 करोड़ मरीजों का डेटा प्रभावित होने का खतरा

आशंका जताई जा रही है कि हैकिंग के कारण लगभग 3-4 करोड़ मरीजों का डेटा प्रभावित हो सकता है. एम्स के सर्वर में पूर्व प्रधानमंत्रियों, मंत्रियों, नौकरशाहों और न्यायाधीशों समेत कई अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीआईपी) का डेटा स्टोर है. इधर सर्वर डाउन होने के कारण आपातकालीन इकाई में रोगी देखभाल सेवाएं, बाह्य रोगी, भर्ती रोगी और प्रयोगशाला अनुभाग को कागजी रूप से प्रबंधित किया जा रहा है.

जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज, जांच में जुटी दिल्ली पुलिस

भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि रैंसमवेयर हमले की जांच कर रहे हैं. रैंसमवेयर हमले के कारण कंप्यूटर तक पहुंच बाधित हो जाती है और पहुंच देने के लिए हैकर धन की मांग करते हैं. दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) इकाई द्वारा 25 नवंबर को जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया था. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसियों की सिफारिशों पर अस्पताल में कंप्यूटर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

सर्वर ठीक करने का काम जारी

एम्स के नेटवर्क को वायरस मुक्त करने का काम चल रहा है. सर्वर और कंप्यूटर के लिए एंटी-वायरस समाधान व्यवस्थित किए गए हैं. यह 5000 में से लगभग 1200 कंप्यूटर पर इंस्टॉल किया गया है. बताया जा रहा है कि 50 में से 20 सर्वर को स्कैन किया जा चुका है. ऐसी खबर है कि नेटवर्क को ठीक करने का काम पांच और दिनों तक जारी रहने की संभावना है. इसके बाद, ई-अस्पताल सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है. आपातकालीन, बाह्य रोगी, भर्ती रोगी, प्रयोगशाला जैसी सेवाओं सहित रोगी देखभाल सेवाओं का काम हाथ से किया जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें