नयी दिल्ली : विमानन कंपनी एयर इंडिया के उत्तर क्षेत्रीय कार्यालय ने एक समिति गठित की है जो ऐसे ‘‘अतिरिक्त” अथवा ‘‘अधिक” कर्मचारियों की पहचान करेगी जिन्हें बिना वेतन के पांच साल के अनिवार्य अवकाश (एलडब्ल्यूपी) पर जाने के लिए कहा जाएगा. राष्ट्रीय विमानन कंपनी ने कहा है कि कर्मचारी स्वेच्छा से भी एलडब्ल्यूपी योजना चुन सकते हैं. इस संबंध में मंगलवार को एक आधिकारिक आदेश जारी हुआ था.
एयर इंडिया के उत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक पी एस नेगी ने 21 जुलाई को एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि 14 जुलाई के आदेश का पालन करते हुए ‘‘अतिरिक्त/ अधिक मानव संसाधन” की पहचान के लिए एक अधिकार प्राप्त समिति गठित की जा रही है. नेगी के आदेश की ‘पीटीआई-भाषा’ को मिली प्रति के अनुसार महाप्रबंधक (कार्मिक), महा प्रबंधक (वित्त) और विभागीय प्रमुख अधिकार प्राप्त समिति के सदस्य होंगे. इसमें कहा गया कि जरूरत पड़ने पर क्षेत्रीय निदेशक के एक प्रतिनिधि को इस समिति में शामिल किया जा सकता है.
आदेश में कहा गया है कि ‘‘ महा प्रबंधक (कार्मिक) सभी विभागों के साथ कर्मचारियों की सूची साझा करेंगे और चर्चा अथवा विचार करेंगे जिसमें अतिरिक्त अथवा अधिक संसाधनों की पहचान शामिल है. इस रिपोर्ट को समीक्षा और आगे मुख्यालय में सिफारिश भेजने के लिए 11 अगस्त 2020 तक क्षेत्रीय निदेशक के पास भेजा जाएगा” एअर इंडिया ने 14 जुलाई को जारी आदेश में अपने विभागीय प्रमुखों और क्षेत्रीय निदेशकों से कहा था कि वे क्षमता, स्वास्थ्य और अतिरिक्त संख्या जैसे अनेक कारकों के आधार पर ऐसे कर्मचारियों की पहचान करें जिन्हें पांच साल के अवैतनिक अनिवार्य अवकाश पर भेजा जाएगा.
Posted By: Pawan Singh