अपराधियों के हर तरीके की खबर अब होगी पुलिस के पास, गृह मंत्रालय कर रहा है यह उपाए
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा गृह मंत्रालय की देखरेख में एक ऐसा डिजिटल डेटाबेस बनाया जा रहा है, जिसमें विभिन्न आपराधिक गिरोहों या हमलों में उपयोग किये जानेवाले मॉडस ऑपरेंडी को इकट्ठा किया जायेगा
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा गृह मंत्रालय की देखरेख में एक ऐसा डिजिटल डेटाबेस बनाया जा रहा है, जिसमें विभिन्न आपराधिक गिरोहों या हमलों में उपयोग किये जानेवाले मॉडस ऑपरेंडी को इकट्ठा किया जायेगा. आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग आधारित यह प्रणाली पुलिस विभागों को भविष्य के मामलों को सुलझाने में मदद करेगी. साथ ही अपराधियों द्वारा अपनाये गये नये तरीकों के बारे में जानने में मदद करेगी.
पुलिस के लिए केस सुलझाना होगा आसान : यदि कोई व्यक्ति आत्मघाती हमलावर होने का दावा करे, लूटने के उद्देश्य से किसी बैंक में जाये, राजमार्गों पर लोगों को लूटने के लिए घूमने जैसे अनेक मामलों में पुलिस के अधिकारी एक क्लिक में यह पता लगा सकेंगे कि क्या अतीत में ऐसी कोई घटना किसी राज्य में हुई है या नहीं. केस सॉल्व करने के तरीकों के बारे में जानकारी के लिए पुलिस सीसीटीएनएस प्रणाली में इकट्ठा किये गये मामलों की एफआइआर रिपोर्ट पढ़ सकेंगे.
देशभर के सभी 16,000 पुलिस स्टेशनों के लिए होगा उपलब्ध :
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एमओबी डेटाबेस विभिन्न अपराधों में 100 से अधिक मॉडस ऑपरेंडी या अपराधियों/आरोपी व्यक्तियों के ट्रेडमार्क की सूची देगा
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एनसीआरबी फोन पर धमकी/फिरौती देनेवाले अपराधियों की पहचान करने के लिए आवाज विश्लेषण पर भी काम कर रहा है, जिसके लिए सीसीटीएनएस में गिरफ्तार अपराधियों का वॉयस सैंपल डेटाबेस बनाया जा रहा है.
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झारखंड में 80, बंगाल में 60, तो बिहार में 20% थाने जुड़े
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90-99% : दिल्ली, पंजाब, मध्यप्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल
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80-89% : राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु,
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70-79% : असम, झारखंड
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60-69% : अरुणाचल, मेघालय
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50-59% : बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम
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40-49% : सिक्किम, नगालैंड
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10-19% : बिहार
कोरोना काल में चोरों ने ढूंढ़ा नया तरीका पीपीइ किट पहन अस्पताल में कर रहे चोरी : कोरोना काल में चोर पीपीइ किट पहन कर चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में चोरों ने पीपीइ किट पहन कर कोरोना वार्ड से एलइडी टीवी उड़ा ले गये. बड़ी बात यह है कि छह दिनों तक चोरी की घटना का वार्ड इंचार्ज को पता भी नहीं लगा. 31 दिसंबर को सीसीटीवी कैमरे चेक करने के दौरान पता चला कि अस्पताल में चोरी हुई है. पीपीइ किट की वजह से चोर पहचाने नहीं जा सके. इतना ही नहीं, चोरों ने अस्पताल में लगे कई सुरक्षा उपकरणों की भी चोरी कर ली है. कई अग्निशमन यंत्र भी अस्पताल से गायब मिले हैं.
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Posted by: Pritish Sahay