अरविंद केजरीवाल की ओर से जारी निर्देशों का ED ने लिया संज्ञान, जानें क्या हुई कार्रवाई
अदालत ने केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजते हुए उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और निजी सहायक बिभव कुमार को हर दिन शाम छह से सात बजे के बीच आधे घंटे के लिए मिलने की अनुमति दी थी. इस अवधि का शेष आधे घंटे का समय केजरीवाल के वकीलों को उनसे मिलने के लिए दिया गया है.
ED ने दिल्ली की मंत्री आतिशी के उस बयान का संज्ञान लिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पानी और सीवरेज से संबंधित जन कल्याण कार्य शुरू करने के लिए एजेंसी की हिरासत से उन्हें निर्देश भेजे हैं. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि संघीय एजेंसी यह पता लगाने के लिए जांच करेगी कि क्या गिरफ्तार मुख्यमंत्री के ये निर्देश धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत के उस आदेश के अनुरूप है जो ईडी और केजरीवाल को उनकी हिरासत अवधि के दौरान जारी किया गया.
ED : शाम छह से सात बजे के बीच आधे घंटे के लिए मिलने की अनुमति
अदालत ने केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजते हुए उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और निजी सहायक बिभव कुमार को हर दिन शाम छह से सात बजे के बीच आधे घंटे के लिए मिलने की अनुमति दी थी. इस अवधि का शेष आधे घंटे का समय केजरीवाल के वकीलों को उनसे मिलने के लिए दिया गया है. इससे पहले जल मंत्री आतिशी ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केजरीवाल ने शनिवार को ईडी की हिरासत से उन्हें पानी और सीवरेज से संबंधित सार्वजनिक मुद्दों को हल करने के लिए ‘अपने निर्देशों’ के साथ एक दस्तावेज भेजा.
‘पर्याप्त संख्या में पानी के टैंकर तैनात किए जाएं’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि गर्मी के महीनों से पहले आपूर्ति को मजबूत करने के लिए पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में पानी के टैंकर तैनात किए जाएं. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने उन्हें इस संबंध में मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों को निर्देश जारी करने का भी निर्देश दिया. पचपन-वर्षीय केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े एक धनशोधन मामले में उनके आधिकारिक आवास पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था. सूत्रों ने कहा कि ईडी इस बात की जांच करेगी कि क्या इन बैठकों के दौरान उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया था. उन्होंने कहा कि यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित विशेष अदालत को विधिवत सूचित किया जाएगा.