Delhi Liquor Policy Case: ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को भेजा छठा समन, 19 फरवरी को पूछताछ के लिए किया तलब
ईडी ने दिल्ली शराब नीति मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को छठी बार समन भेजा है. ईडी ने अपने समन के जरिये सीएम केजरीवाल को 19 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है.
ईडी ने दिल्ली शराब नीति मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को छठी बार समन भेजा है. ईडी ने अपने समन के जरिये सीएम केजरीवाल को 19 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है. ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा है. गौरतलब है कि इससे पहले भी ईडी ने दिल्ली के सीएम को पांच बार समन जारी कर चुकी है, लेकिन सीएम केजरीवाल एक बार भी पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय नहीं गए हैं.
Enforcement Directorate has issued sixth summons to Delhi CM Arvind Kejriwal asking him to appear on February 19 in liquor policy case
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— ANI (@ANI) February 14, 2024
ईडी ने दर्ज कराया था कोर्ट में मामला
गौरतलब है कि इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसी महीने की 2 तारीख को सीएम अरविंद केजरीवाल को पांचवां समन भेजा था. हालांकि सीएम केजरीवाल उस समय के जवाब में पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस नहीं गये थे. इसके बाद ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था. दरअसल, ईडी के समन को सीएम अरविंद केजरीवाल गैर कानूनी कहकर एक बार भी पूछताछ में शामिल नहीं हुए हैं. उन्होंने ईडी के समन को राजनीति से प्रेरित भी कहा है.
17 फरवरी को कोर्ट में होगी सुनवाई
वहीं, ईडी की शिकायत पर कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तलब करते हुए उन्हें 17 फरवरी को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. बता दें, ईडी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ इससे पहले 17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को भी समन जारी की थी. हालांकि किसी भी समन के जवाब में सीएम केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए. वहीं ईडी के लगातार जारी होते समन को लेकर आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि ईडी की सारी कार्रवाई अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश है.
क्या है मामला
बता दें, शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने संबंधी दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में कुछ शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने का आरोप है. आरोप है कि कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत की लेनदेन हुई थी. हालांकि, आम आदमी पार्टी आरोपों का बार-बार खारिज करती रही है. बाद में इस नीति को दिल्ली सरकार ने वापस ले लिया गया था और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश की थी. इसके बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था.