AIIMS Delhi में गठित होगा बिरसा मुंडा चेयर ऑफ ट्राइबल हेल्थ एंड हेमोटोलॉजी, बोलें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा
देश का आदिवासी समाज कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहा है. टीबी, चर्म रोग, सिकल सेल एनीमिया और अन्य रोग के इलाज के लिए आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. मंत्रालय ने एम्स दिल्ली के साथ मिलकर बिरसा मुंडा चेयर ऑफ ट्राइबल हेल्थ एंड हेमोटोलॉजी के गठन का फैसला लिया है.
विनय तिवारी, नयी दिल्ली : देश का आदिवासी समाज कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहा है. टीबी, चर्म रोग, सिकल सेल एनीमिया और अन्य रोग के इलाज के लिए आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. ऐसे में आदिवासियों को रोग के उपचार पर अतिरिक्त पैसा खर्च करना पड़ता है. अब इस समस्या को दूर करने के लिए केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है. मंत्रालय ने एम्स दिल्ली के साथ मिलकर बिरसा मुंडा चेयर ऑफ ट्राइबल हेल्थ एंड हेमोटोलॉजी के गठन का फैसला लिया है.
AIIMS Delhi : आदिवासी समुदाय के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर रिसर्च
यह चेयर आदिवासी समुदाय के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर रिसर्च करेगा और उपचार के लिए क्षमता विकास में मदद करेगा ताकि आदिवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके. यह चेयर अन्य रोगों के साथ सिकल सेल एनीमिया को लेकर विशेष तौर पर रिसर्च का काम करेगा. साथ ही आदिवासी क्षेत्र में काम करने वाले मेडिकल पेशेवरों को सशक्त बनाने के लिए टेलीमेडिसिन सुविधा का भी शुभारंभ करेगा. केंद्रीय आदिवासी मामलों एवं कृषि कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की.
AIIMS Delhi : दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोगों को जोड़ने में मदद
इसके अलावा आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु, भारतीय प्रबंधन संस्थान ( आईआईएम) कोलकाता और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के साथ भी साझेदारी की घोषणा की. इस मौके पर केंद्रीय आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इसरो की मदद से दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को जोड़ने में मदद मिलेगी.
AIIMS Delhi : ‘लगभग 18 हजार आदिवासी बहुल गांव सुदूर क्षेत्र में’
देश के लगभग 18 हजार आदिवासी बहुल गांव सुदूर क्षेत्र में हैं और ऐसे में यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बाजार तक पहुंच के अवसर मुहैया कराना चुनौती पूर्ण काम है. ऐसे में इसरो के सहयोग से इन गांवों में कनेक्टिविटी को बेहतर किया जायेगा. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 80 गांवों में इंटरनेट की सुविधा मुहैया करायी जायेगी. आईआईएसी के सहयोग आदिवसी युवाओं को सेमीकंडक्टर फैब वारियर्स बनाने का काम किया जायेगा. आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए फैब यूनिट का गठन किया जायेगा. साथ ही छात्रों के लिए कोर्स की शुरुआत भी होगी. आईआईटी दिल्ली और आईआईएम के सहयोग से मंत्रालय इन संस्थानों में भगवान बिरसा मुंडा चेयर की स्थापना करेगा. आदिवासी युवाओं में उद्यमिता के विकास में यह चेयर मदद करेगा.