BJP Plan For Delhi Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी चुनावी रणनीति को और भी सशक्त बनाने के लिए माइक्रोमैनेजमेंट की व्यापक योजना तैयार की है. बीजेपी का लक्ष्य हर विधानसभा सीट पर पिछली बार की तुलना में अधिक वोट हासिल करना है. जिसको लेकर लिए पार्टी ने बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंप दी है.
बीजेपी ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र और बूथ के लिए विश्लेषण करके एक रणनीति बनाई है। प्रत्येक बूथ पर कम से कम 50 प्रतिशत वोट बीजेपी को दिलाने का लक्ष्य रखा गया है, और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मतदान में पिछली बार की तुलना में वृद्धि हो। इसके अलावा, पार्टी ने उन मतदाताओं को भी अपनी ओर लाने की योजना बनाई है, जिनकी जड़ें दिल्ली से बाहर के राज्यों में हैं। कोविड-19 के कारण दिल्ली से बाहर गए मतदाताओं से संपर्क किया जा रहा है, और उन्हें मतदान के लिए दिल्ली आने का आग्रह किया जा रहा है। इन मतदाताओं की एक सूची भी तैयार की गई है, जिनके वोट दिल्ली में हैं लेकिन वे फिलहाल किसी अन्य स्थान पर रह रहे हैं.
एक मंत्री को दो सीटों की मिली जिम्मेदारी
चुनाव में सफलता प्राप्त करने के लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार बनाया है। हर सीट पर पिछली बार से 20 हजार अधिक वोट लाने का लक्ष्य तय किया गया है। इन नेताओं की जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं:
- पीयूष गोयल को दिल्ली कैंट और वजीरपुर की जिम्मेदारी दी गई.
- धर्मेंद्र प्रधान को मालवीय नगर और ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई.
- भूपेंद्र यादव को महरौली और बिजवासन की जिम्मेदारी दी गई।
- गजेंद्र सिंह शेखावत को नरेला और बवाना की जिम्मेदारी दी गई.
- मनसुख मांडविया को शकूरबस्ती और मादीपुर की जिम्मेदारी दी गई.
- अनुराग ठाकुर को मुस्तफाबाद और करावल नगर की जिम्मेदारी दी गई.
- ब्रजेश पाठक यूपी के डिप्टी सीएम, को आदर्श नगर और बुराड़ी की जिम्मेदारी दी गई
- विनोद तावड़े राष्ट्रीय महासचिव, को जनकपुरी और उत्तम नगर की जिम्मेदारी दी गई
- सुनील बंसल को शालीमार बाग और त्रिनगर की जिम्मेदारी दी गई.
इसके अलावा, दिल्ली में रहने वाले दूसरे राज्यों से जुड़े मतदाताओं को लुभाने के लिए संबंधित राज्यों के बीजेपी नेताओं को भी जिम्मेदारी दी गई है. उदाहरण के तौर पर, दिल्ली में करीब साढ़े तीन लाख तेलुगु वोटर हैं, और उनसे संपर्क करने की जिम्मेदारी आंध्र प्रदेश के बीजेपी और टीडीपी विधायकों को दी गई है. इसी तरह, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों के दिल्ली में रह रहे मतदाताओं को बीजेपी के पक्ष में लाने के लिए वहां के बीजेपी नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है.