CM अरविंद केजरीवाल बोले- Happiness Classes का उद्देश्य नफरत नहीं, मोहब्बत का पैगाम फैलाना

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हैप्पीनेस उत्सव के दौरान कहा कि हम हमारे सरकारी स्कूलों में ऐसे बच्चे तैयार करना चाहते हैं जो आने वाले समय में देश में नफरत नहीं, प्यार और मोहब्बत का पैगाम फैलाएं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2022 3:01 PM

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हैप्पीनेस उत्सव कार्यक्रम में कहा कि उनकी स्कूली शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को अच्छा मनुष्य, देशभक्त और रोजगार हासिल करने योग्य बनाना है. उन्हों‍ने कहा, हम हमारे सरकारी स्कूलों में ऐसे बच्चे तैयार करना चाहते हैं जो आने वाले समय में देश में नफरत नहीं, प्यार और मोहब्बत का पैगाम फैलाएं, ताकि हमारा देश दुनिया का नंबर 1 देश बन सके.


हैप्पीनेस कक्षाओं से बच्चों का तनाव कम- केजरीवाल

केजरीवाल ने आगे कहा, लेकिन अब हम अच्छा कर रहे हैं. हमने विभिन्न पाठ्यक्रम जारी किए हैं और शैक्षणिक दबाव को कम किया है. हैप्पीनेस कक्षाओं से बच्चों का तनाव कम हुआ और इसलिए दिल्ली में छात्रों की आत्महत्या का कोई मामला भी नहीं सामने आया.

 हैप्पीनेस क्लास का उद्देश्य भारत को नंबर 1 बनाना

मुख्यमंत्री ने बताया कि वे छात्रों को ऐसा बनाना चाहते हैं, जो नफरत नहीं बल्कि देश में प्रेम के संदेश का प्रचार करें. ताकि देश दुनिया का नंबर 1 देश बन सके. केजरीवाल ने कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी ने भी दिल्ली सरकार की हैप्पीनेस कक्षाओं में हिस्सा लिया था और वह उससे काफी प्रभावित भी हुई थीं.

18 लाख बच्चे हैप्पीनेस क्लास में शामिल

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के 18 लाख बच्चे रोज एक साथ हैप्पीनेस क्लास में शामिल होते हैं. स्कूलों में इतनी अच्छी वातावरण से बच्चों पर सकारात्मक असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हैप्पीनेस क्लास पढ़ाई से होने वाले दबाव को भी खत्म करने में मदद करता है, साथ ही बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है.

Also Read: CM अरविंद केजरीवाल का ऐलान, शहीद भगत सिंह के नाम पर होगा दिल्ली के सैनिक स्कूल का नाम, जानिए खास बातें
शिक्षा पर 90 हजार करोड़ किए खर्च

हैप्पीनेस पाठ्यक्रम के चार साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में केजरीवाल ने कहा कि जब वह सत्ता में आए थे, तब स्कूलों की स्थिति खराब थी और बोर्ड की परीक्षा के परिणाम भी अच्छे नहीं आते थे. उन्होंने कहा, मुझे याद है दिल्ली के एक सरकारी स्कूलों के बच्चे ने कहा था देश का भविष्य निजी स्कूल के बच्चे होते हैं, हम नहीं. हमने 5 साल में 90,000 करोड़ शिक्षा पर खर्च किया है. अब वो बच्चा कह रहा है सरकारी स्कूल के बच्चे भी देश का भविष्य है.

Next Article

Exit mobile version