दिल्ली में किस हद तक कोरोना संक्रमण फैला है इसकी रिपोर्ट आ गई है. दरअसल, दिल्ली सरकार ने कोरोना संकट को लेकर पूरे राज्य में सीरो सर्वे कराया. सीरो सर्वे से पता चला है कि दिल्ली की करीब 24 फीसदी आबादी कोरोना संक्रमण से जूझ रही है. यानी, दिल्ली का हर चौथा व्यक्ति कोरोना वायरस की चपेट में है.
गौर करने वाली बात है कि 24 फीसदी आबादी के कोरोना संक्रमित होने के बाद भी अन्य देशों की अपेक्षा ना तो यहां मौतें हुईं और ना ही सामुदायिक संक्रमण फैला है. यानी इनके शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित हो गई है. मतलब साफ है कि इन 24 फीसद लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज तैयार हो गई हैं. और ये इस महामारी से भी पूरी तरह सुरक्षित हैं. शरीर में कोरोना एंटीबॉडीज होने से भविष्य में भी इनपर कोरोना का खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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27 जून से 10 जुलाई तक का सर्वे : गौरतलब है कि केंद्र सरकार की हेल्थ मिनिस्ट्री ने सीरो सर्वे कराया और कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट पेश की. इसमें 27 जून से 10 जुलाई तक का सर्वे किया गया. सर्वे में जो सबसे खास बात दिखी वो यह कि ज्यादातर लोग बिना लक्षण वाले मिले. दिल्ली की घनी आबादी के बाद भी करीब 24 फीसदी लोग ही कोरोना वायरत (Covid-19) से प्रभावित हुए. मतलब साफ है कि अब दिल्ली में कोरोना वायरस का संकट लगभग काबू में आता हुआ दिख रहा है. इसके अलावा दिल्ली में रिकवरी रेट भी सबसे अधिक है और एक्टिव केस की संख्या में भी पर दिन कमी होती दिख रही है.
सीरो सर्वे कैसे हुआ : सीरो सर्वे के तहत दिल्ली के सभी 11 जिलों में कई लोगों के खून के नमूने लिए गये. इसके बाद इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकर रिसर्च के मानकों के मुताबिक ऐंटिबॉडी टेस्ट किया गया. करीब 21 हजार 3 सौ 87 सैंपल जमा किए गए. इस टेस्ट की मदद से यह जाना गया कि आखिर कितने लोगों के अंदर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए ऐंटिबॉडी तैयार हो चुकी है.
बता दें, सीरो सर्वे में खून के नमूनों के जरिए यह देखा जाता है कि शरीर का कौन सा भाग संक्रमित हो गया है. साथ ही यह भी देखा जाता है कि शरीर में कोरोना वायरस से आने वाली एंटीबॉडी मौजूद या नही. इससे यह भी पता लगाया जाता है कि ऐसे लोग जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं है, क्या उनमें भी कोरोना वायरस ठीक हो चुका है और उनके शरीर में एंटीबॉडी बनी है या नही.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों दिल्ली में कोरोना संक्रमण में कमी आई है, दिल्ली में फिलहाल 15 हजार के करीब ही एक्टिव केस हैं, जबकि एक लाख से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं. ऐसे में अब दिल्ली के कोरोना प्रूफ होने की उम्मीद बढ़ गई है. यानी अब लोगो के शरीर में कोरोना से लड़ने की क्षमता विकसित हो गई. क्योंकि 24 प्रतिशत आबादी के कोरोना के संपर्क में आने के बावजूद बहुत ज्यादा मौतें नहीं हुईं हैं
Post By : Pritish Sahay