नयी दिल्ली : अगर हम समय रहते सुरक्षा नहींं लेते, लॉकडाउन नहीं करते और कोई सुरक्षा नहीं रखते तो 41 फीसद की ग्रोथ रेट से मामले बढ़ रहे थे. 15 अप्रैल तक हमारे पास 8.2 लाख केस रिपोर्ट होते. स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि अबतक 642 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. कल 1035 मामले सामने आये हैं. अबतक कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या 7447 हो गयी है. कल 40 लोगों की मौत हुई है अबतक 239 लोगों की मौत हो चुकी है.
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India’s response to COVID19 has been proactive. We have followed a graded approach. There are 586 COVID19 dedicated hospitals and more than 1 lakh isolation beds in the country: Lav Agrawal, Joint Secy, Health Ministry pic.twitter.com/oFqgNJVKFu
— ANI (@ANI) April 11, 2020
आईसीएमआर अधिकारी ने इस संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कोविड 19 को लेकर अबतक 1.7 लाख से अधिक नमूनों का परीक्षण किया गया है, उनमें से 16,564 नमूने की जांच शुक्रवार को की गयी. हमारे पास 146 लैब हैं इसमें 14 हजार 210 सैंपल टेस्ट किया. प्राइवेट लैब 67 है 2354 टेस्टे हुआ है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी राज्यों में और केंद्रीय स्तर पर कोविड-19 के उपचार के लिए विशेष तौर पर 587 अस्पताल निर्धारित किये गये हैं.देशभर में तीन लाख पृथक बिस्तर एवं 11,500 आईसीयू बिस्तर कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित किये गये हैं.
देश में कोविड-19 से अति प्रभावित क्षेत्रों की पहचान के लिए सरकार ने पहले ही जरूरी कदम उठाये. यदि लॉकडाउन लागू नहीं किया जाता तो कोविड-19 के मामले 41 फीसद बढ़ जाते, फलस्वरूप 15 अप्रैल तक 8.2 लाख मामले सामने आते. हम लॉकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग को प्रमोट कर रहे हैं. मामलों में कमी आयी है.
कोरोना को लेकर भारत ने पहले से तैयारी शुरू कर दी है. जैसे – जैसे देश में और देश के बाहर स्थिति गंभीर हुई हम वैसे ही लड़ने की रणनीति बनाते रहे हैं. . राज्य के साथ मिलकर हमने अबतक कोविड अस्पताल 586 अस्पताल हैं जिसमें 1 लाख से ज्यादा बेड और साढ़े ग्यारह हजार आईसीयू बैड तैयार हैं हम इसकी संख्या लगातार बढ़ा रहा हैं. नर्सों की ट्रेनिंग के लिए वेबइनार का आयोजन किया जा रहा है. मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से बात की है और समस्याओं को बाताया है.
गृहमंत्रालय की तरफ से इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गयी कि लॉकडाउन का पालन सख्ती से हो रहा है. मछली पालन उद्योग को लॉकडाउन से अलग किया गया है. संस्थाओं के मुखिया की जिम्मेदारी होगी की वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. गृहमंत्रालय ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखा है कि उन्हें उचित सुरक्षा दी. जरूरी सामान की सप्लाई नियंत्रण में हैं और पूरा ध्यान रखा जा रहा है.