नयी दिल्ली : वैश्विक महामारी कोरोना से जंग के बीच देश में जीवन को पटरी पर लाने की कोशिशें जारी हैं. इस बीच संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी से चिंता भी बढ़ी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 103 लोगों की जानें गयीं. इस दौरान संक्रमण के 3,390 नये केस सामने आये. इधर, मई के पहले सप्ताह में ही देश में जिस तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, वह डरानेवाला है. 30 जनवरी को देश में पहला केस सामने आया था, जो आठ मई तक बढ़ कर 56 हजार पार पहुंच गया है. इतना ही नहीं, देश में पहले कोरोना के केस 15 दिन में दोगुना हो रहे थे, जो अब ग्यारह दिन में डबल हो रहे हैं.
-
अब 11 दिन में डबल हो रहे कोरोना के मामले,
-
तेजी से फैल रहा संक्रमण डरा रही कोरोना की रफ्तार,
-
24 घंटे में तीन हजार से ज्यादा केस-
-
भारत में मई के पहले सप्ताह में अमेरिका के बाद सर्वाधिक केस –
-
जून-जुलाई में और बढ़ सकता है संक्रमण का मामला –
-
मई का महीना तोड़ा रहा रिकॉर्ड
2,000 से ज्यादा केस रोजाना : पिछले चार-पांच दिनों से देश में रोजाना दो हजार से ज्यादा कोरोना के नये मामले सामने आ रहे हैं. इस तरह मई का महीना वायरस के लिए लिहाज से भारत के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. अप्रैल में कोरोना मरीजों की संख्या में धीमी गति से बढ़ रही थी, लेकिन मई रेकॉर्ड तोड़ रहा है.महाराष्ट्र व गुजरात ने बढ़ाया टेंशन : महाराष्ट्र और गुजरात में जिस तेजी से कोरोना के नये केस बढ़ रहे हैं. अकेले महाराष्ट्र में कोरोना के करीब 19 हजार मरीज हैं. गुजरात में सात हजार से ज्यादा कोरोना मरीज हैं. महाराष्ट्र में करीब 700 की जान गयी है, जबकि गुजरात में 425 लोग मर चुके हैंबॉक्स कोरोना से जंग : दुनिया और भारत 1.13 देशों का प्रदर्शन भारत से बेहतर यदि जनवरी की बात करें, तो कुल 20 में से 13 देशों ने भारत की तुलना में कोरोना से निबटने में बेहतर प्रदर्शन किया है. भारत इस सूची में सातवें नंबर पर है.
अमेरिका, इटली, फ्रांस, जर्मनी, चीन, कनाडा में स्थिति भारत से खराब है.2. कोरोना का ग्रोथ 20 देशों से ज्यादादेश में पिछले सप्ताह मरीजों की संख्या बाकी अन्य 20 देशों की तुलना में सर्वाधिक है. इनमें से नौ में तो मरीजों की संख्या एक प्रतिशत से भी कम की दर से बढ़ी है. भारत में पिछले सप्ताह सबसे ज्यादा 6.7% की दर से कोरोना के मरीज बढ़े हैं.3. अमेरिका के बाद भारत में सर्वाधिक नये केस देश में पिछले सात दिनों में हर रोज करीब 2,500 केस सामने आये हैं. अमेरिका के अलावा किसी अन्य देश में इतने मामले रोजाना नहीं आ रहे हैं. इस तरह हर रोज अमेरिका के बाद भारत में सर्वाधिक नये केस सामने आ रहे हैं.4. दूसरे कई देशों की तुलना में पिछड़ा भारतविश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 31 जनवरी तक 20 देशों में मरीजों की संख्या 9,826 ही थी.
इसमें से भी अकेले 9,720 मामले तो केवल चीन में थे. चीन के बाहर केवल थाईलैंड, सिंगापुर, जापान व दक्षिण कोरिया में 10 से ज्यादा मामले थे. फरवरी व मार्च में कोरोना पूरी दुनिया में फैल गया और लाखों लोगों की जान ले चुका है. रहें सावधान : खतरा अभी टला नहीं 1. जून-जुलाई में संक्रमण पीक पर एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि जून-जुलाई में कोविड का संक्रमण पीक पर होगा.अभी तक नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर जो भी इस पर मैथेमेटिकल व मॉडलिंग डेटा सामने आया है, उससे यही अनुमान लगाया जा रहा है. इसलिए संक्रमण को लेकर अभी अलर्ट रहना है. सावधानी के साथ हमें आगे बढ़ना है. 2. कोई भी लक्षण नहीं,फिर भी पॉजिटिव दिल्ली समेत देश के कुछ हिस्सों में कोरोना के ऐसे केस सामने आये हैं, जिनमें कोई लक्षण दिखायी नहीं दिये थे.
एक स्टडी के मुताबिक जिन लोगों में कोरोना के लक्षण दिखायी नहीं दे रहे, उसकी एक वजह यह हो सकती है कि मरीज अपनी सूंघने की क्षमता खो चुके हों. हाल ही में इसे एनसीडीसी ने भी अपने नये लक्षणों में शामिल किया है. 3. वायरस के रूप बदलने से बढ़ा संक्रमणअमेरिका के लोस ऐलामोस नेशनल लेबोरेटरी न्यू मैक्सिको के वैज्ञानिक डॉ तन्मय भट्टाचार्य ने चेताया है कि कोरोना के नये रूप डी614जी इसे और ज्यादा संक्रामक बना रहा है. कोरोना वायरस के भारत में 82 प्रकार का विश्लेषण करने पर चला है कि इनमें से 50 फीसदी अपने रूप बदल रहे हैं.
ओडिशा में सिर्फ कोरोना निगेटिव प्रवासियों को मिले एंट्री : ओडिशा हाइकोर्ट ने बिना कोरोना टेस्ट कराये आ रहे श्रमिकों की राज्य में एंट्री पर रोक लगा दी है. ओड़िशा हाइकोर्ट ने नवीन पटनायक की सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि केवल वही प्रवासी जिनका कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव है, उन्हें ही राज्य में लौटने की अनुमति मिले. सुप्रीम कोर्ट : शराब की होम डिलिवरी पर करें विचारलॉकडाउन के दौरान शराब की होम डिलिवरी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला देने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस बारे में संबंधित राज्य सरकारें विचार करे. कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि सरकार को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए इसके होम डिलिवरी/ परोक्ष बिक्री पर विचार करना चाहिए.