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कैबिनेट की बैठक में हुआ फैसला, सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी की कटौती होगी

कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की है इस बैठक में उन्होंने कहा, वर्तमान संकट ‘मेक इन इंडिया' को बढ़ा दिया जाना चहिए. दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने का अवसर है. मंत्री राज्यों, जिला प्रशासन के संपर्क में रहें और जो समस्याएं उभर रही हैं उसका हल प्रदान करें. इस बैठक में प्रधामंत्री ने कोविड-19 के मद्देनजर उठाए जाने वाले कदमों पर पर उपरोक्त बातें कैबिनेट की बैठक में कही.

By PankajKumar Pathak | April 6, 2020 5:12 PM

नयी दिल्ली : कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की है इस बैठक में उन्होंने कहा, वर्तमान संकट ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ा दिया जाना चहिए. दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने का अवसर है. मंत्री राज्यों, जिला प्रशासन के संपर्क में रहें और जो समस्याएं उभर रही हैं उसका हल प्रदान करें. इस बैठक में प्रधामंत्री ने कोविड-19 के मद्देनजर उठाए जाने वाले कदमों पर पर उपरोक्त बातें कैबिनेट की बैठक में कही.

लॉकडाउन खत्म होने के 8 दिन पहले हुई इस बैठक में रोजगार और मेक इन इंडिया पर खुलकर चर्चा हुई. इस बैठक में पीएम मोदी के साथ- साथ वा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री आवास पर मौजूद थे जबकि मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य अपने कार्यालयों या आवास से वीडियो लिंक के जरिये बैठक में शामिल हुए. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों से कहा कि वे ऐप आधारित कैब/टैक्सी की तरह ‘ट्रक एग्रीगेटर्स’ जैसे नवोन्मेषी तरीके का इस्तेमाल कर किसानों को मंडियों से जोड़ें .

दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद ने सोमवार को फैसला किया कि सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी की कटौती होगी. सरकार के मुताबिक इसकी पेशकश खुद सांसदों ने कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने बताया कि सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती के संदर्भ में अध्यादेश लाने का निर्णय हुआ.

उन्होंने कहा, ”सांसदों, मंत्रियों और अन्य लोगों ने खुद अपने सामाजिक उत्तरदायित्व की पेशकश की थी. इसके मद्देनजर सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी की कटौती का निर्णय हुआ.” जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री, मंत्रियों और सांसदों ने एक साल के लिए वेतन का 30 फीसदी नहीं लेने का निर्णय खुद लिया. मंत्री के मुताबिक सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन से जुड़ा कानून है, इसलिए अध्यादेश का निर्णय हुआ. मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई

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