नयी दिल्ली : दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. शनिवार को यहां रिकॉर्ड 591 नये केस सामने आये. जिसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 12,910 हो गई है. मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 231 हो गयी. दिल्ली में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए तिहाड़ जेल से कैदियों को भी इमरजेंसी परोल पर छोड़ा जा रहा है.
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जेल प्रशासन ने बताया कि अब तक तिहाड़ जेल से 1100 कैदियों को इमरजेंसी परोल छोड़ा गया है. तिहाड़ जेल की ओर से बताया गया कि दोषियों को आपातकालीन पैरोल देने की प्रक्रिया चल रही है. अन्य दोषियों की तुलना में 60 वर्ष से अधिक आयु के दोषियों को आसानी से परोल दे दिया जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना का खतरा अधिक उम्र वालों पर ज्यादा होता है. तिहाड़ जेल के अधिकारी ने बताया कि जिन दोषियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अवकाश याचिका (एसएलपी) या फिर जिनकी सजा के खिलाफ अपील की गयी है, वे आपातकालीन पैरोल के हकदार नहीं हैं.
So far, 1100 convicts have been released on emergency parole, of which around 30 convicts are above 60 years of age: Tihar Jail Offical. #Delhi https://t.co/QcrLJIZfAe
— ANI (@ANI) May 23, 2020
तिहाड़ जेल अधिकारी के अनुसार अब तक जो 1100 कैदियों को आपातकालीन पैरोल पर छोड़ा गया है उनकी उम्र 30 से 60 के बीच हैं.
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मालूम हो कुछ दिनों पहले कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए दिल्ली के जेल अधिकारी कई कदम उठाये. जिसमें जेलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए कैदियों को जमानत और पैरोल पर रिहा करना, नियमित मेडिकल जांच करना और परिवार के लोगों से ‘मुलाकात’ को स्थगित रखना शामिल है.
रोहिणी जेल में कोरोना वायरस का संक्रमण सामने आने के बाद से अधिकारी काफी सतर्क हैं. दिल्ली में तीन जेल हैं — तिहाड़, रोहिणी और मंडोली। रोहिणी जेल के 28 वर्षीय व्यक्ति में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद उसके साथ बैरक साझा करने वाले 15 अन्य कैदियों तथा हेड वार्डन में भी संक्रमण हो गया.
जेल अधिकारियों ने कहा कि वे हर कैदी की लगातार तेजी से जांच कर रहे हैं. सभी कैदियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी तबियत खराब होने पर छिपाएं नहीं और तुरंत चिकित्सकों को खबर करें. जेल के कर्मचारी और चिकित्सक कैदियों को कोरोना वायरस और इससे बचने के बारे में जानकारी दे रहे हैं. उन्होंने कहा, हर कैदी को दो मास्क दिए गए हैं और वे इसे धोने के बाद फिर से इस्तेमाल कर रहे हैं. ये मास्क कैदियों ने ही तैयार किए हैं.
तिहाड़ जेल के महानिरीक्षक संदीप गोयल ने कहा कि जेल के अधिकारी कैदियों को बैरक के अंदर भी मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. गोयल ने कहा कि कैदी हर समय बैरक के अंदर नहीं रह सकते हैं. जरूरत पड़ने पर वे बाहर निकलते हैं और ऐसे समय में यह सुनिश्चित किया जाता है कि वे अन्य बैरक के कैदियों से कम से कम बातचीत करें. एक बैरक में सामान्यत: 20 से 25 कैदी होते हैं. सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जेलों में भीड़भाड़ कम करने के कदम उठाए गए हैं. अभी तक 3500 कैदियों को रिहा किया गया है और आगामी दिनों में और कैदियों को रिहा किया जाएगा.