coronavirus in delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ती संख्या के बीच गृह मंत्री अमित शाह आज दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ बैठक करेंगे.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सहित निदेशक एम्स और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक का हिस्सा होंगे. महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद देश में कोरोना के सबसे अधिक मामले दिल्ली में हैं. दिल्ली में 36 हजार से अधिक मामले हैं और 1200 से अधिक मौतें हुई हैं.
आज 11 बजे से प्रस्तावित बैठक में बैठक में दिल्ली में कोरोना की स्थिति की समीक्षा की जाएगी. इश संबंध में शाह के कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी है. इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शनिवार को वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में खासतौर से दिल्ली के हालत पर चर्चा की थी. प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को दिल्ली के उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्र और दिल्ली सरकार तथा एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक करनी चाहिए ताकि राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों से कारगर ढंग से निपटा जा सके.
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दिल्ली सरकार ने शनिवार देर शाम तक नया फरमान जारी करते हुए 10 से लेकर 49 बेड के सभी नर्सिंग होम को कोविड नर्सिंग होम घोषित कर दिया है. सरकार ने कहा कि तीन दिन के अंदर कोरोना मरीजों के लिए बेड तैयार करना होगा, नहीं तो कार्रवाई की जाएगी. उधर, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी नियमों का उल्लंघन करने वालों से जुर्माना वसूलने का आदेश दे दिया है.
एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में कोरोना वायरस बीमारी की संक्रमण दर बढ़ रही है जबकि एक सप्ताह में ठीक होने वाले रोगियों की संख्या में कमी आई है. 30 मई से 11 जून के बीच के आंकड़ों से पता चलता है कि संक्रमण दर में 21 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि रिकवरी दर में 8 फीसदी की कमी आई है. दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस के उपचार को लेकर तथा अस्पतालों में शवों के साथ गलत व्यवहार पर सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्ली में शवों के साथ अनुचित व्यवहार हो रहा है.दिल्ली में जांच कम होने और बेहतर इलाज की सुविधा ना होने के अलावा प्राइवेट अस्पताल में महंगे इलाज से भी लोग परेशान है. इन सब के बीच दिल्ली में 15 जून से एक बार फिर लॉकडाउन लगने की अफवाह फैल गई है. इस कारण कई लोग यूपी और बिहार घर वापस लौटने लगे हैं. यमुना एक्सप्रेसवे पर तीन दिन में एकाएक बढ़े वाहनों की संख्या से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
Posted By: Utpal kant