Delhi Assembly Election 2025 : कसमें-वादे तोड़ते अरविंद केजरीवाल! जानें कैसे

Delhi Assembly Election 2025 : दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कई बार कसमें खाईं. बाद में वे इससे पलट गए. आइए चुनाव के बीच जानते हैं कुछ पुरानी बातें.

By Amitabh Kumar | January 19, 2025 9:26 AM

Delhi Assembly Election 2025 : दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी हो होंगे जबकि रिजल्ट 8 को सामने आ जाएगा. इसके बाद पता चलेगा कि किसकी सरकार राजधानी में बनेंगी. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) का गठबंधन चुनाव में नहीं हो सका. इन दोनों पार्टियों के अलावा बीजेपी भी चुनावी मैदान में है. इस बीच आइए जानते हैं कौन से वादे केजरीवाल पूरा नहीं कर सके और कौन सी कसम उनकी निकली झूठी.

ये तीन वादे अरविंद केजरीवाल नहीं कर सके पूरा

आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने खुद माना है कि उन्होंने तीन वादे दिल्ली की जनता से किए थे, जिसे वो पूरा नहीं कर सके हैं. उन्होंने कहा कि मैंने तीन वादे किए थे. पहला वादा यमुना की सफाई, दूसरा वादा स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना जबकि तीसरा वादा दिल्ली की सड़कों को यूरोपीय मानक का बनाना है. केजरीवाल ने कहा कि मैंने कहा था कि यमुना साफ करूंगा, लेकिन मैं इसे साफ नहीं करा पाया. मैंने कहा था कि हर घर में साफ पीने के पानी की व्यवस्था करूंगा, लेकिन वो अभी पूरा नहीं हो सका. केजरीवाल ने बताया कि तीसरी चीज मैंने कहा था दिल्ली की सड़कों को हम शानदार यूरोपियन स्टैंडर्ड की बनाएंगे, लेकिन उनमें काफी काम पूरा हो चुका है.

शीशमहल पर राजनीति गरम

शीशमहल पर दिल्ली की राजनीति गरम है. बीजेपी का आरोप है साल 2013 में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वे सरकारी बंगला और गाड़ी नहीं लेंगे. इसके बाद उन्होंने दोनों सुविधा का लाभ लिया. बीजेपी ने कहा कि एक 45 करोड़ का शीशमहल केजरीवाल ने अपने रहने के लिए बनाया है. राजनीति में आए थे तब कहते थे हम सरकारी गाड़ी नहीं लेंगे, सरकारी बंगला नहीं लेंगे.

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अरविंद केजरीवाल ने खाई थी बच्चों की कसम

‘आप’ नेता अरविंद केजरीवाल ने साल 2013 में अपने बच्चों की कसम खाई थी. उन्होंने कहा था कि सरकार बनाने के लिए उनकी पार्टी कांग्रेस का समर्थन नहीं लेगी. उन्हें अपनी कसम बाद में तोड़नी पड़ गई. 70 सदस्यों वाली विधानसभा में सबसे ज्यादा 32 सीटें बीजेपी को मिली. इसके बाद भी उसकी सरकार नहीं बनी. आप ने कांग्रेस से समर्थन लेकर सरकार बना ली. इस साल 28 सीटों पर जीत हासिल करने वाली पार्टी ने कांग्रेस की मदद से सरकार बनाई.

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