Delhi Assembly Election 2025 : दिल्ली में 5 फरवरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. मतगणना 8 को होगी. इससे पहले हम आपको शीला दीक्षित के पंद्रह साल की सरकार के काम के बारे में बताते हैं. हम जानने का प्रयास करते हैं कि आखिर इन 15 साल में अंतिम 5 साल में ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस की सरकार गिर गई. साल 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल के हाथों शीला को हार का सामना करना पड़ा था. पहले जानते हैं 2013 के चुनाव में कांग्रेस की हार की वजह, जिसका जिक्र “सिटीजन दिल्ली: माय टाइम्स, माय लाइफ” किताब में किया गया है.
फर्स्ट टाइम वोटर ने कांग्रेस का नहीं दिया साथ
शीला दीक्षित ने अपनी आत्मकथा में खुलासा किया है कि कैसे दिल्लीवासियों का आप को समर्थन देना, उन प्रमुख कारणों में से एक था, जिसके कारण दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की हार हुई. आत्मकथा में उन्होंने कहा कि पहली बार मतदान करने वाले मतदाता (फर्स्ट टाइम वोटर) दिल्ली के बुनियादी ढांचे और विकास को नहीं समझ सके. यह 2013 में कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने का सबसे बड़ा कारण रहा. उन्होंने लिखा कि दिल्ली के युवा कांग्रेस की सरकार द्वारा लाए गए परिवर्तन को नहीं समझ सके, क्योंकि उन्हें यह नहीं पता कि कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले दिल्ली कैसी थी.
अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस ने लिया हल्के में
शीला दीक्षित ने लिखा कि पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा 15 साल पहले की दिल्ली नहीं देख पाया था. रेगुलर बिजली, फ्लाईओवर और मेट्रो ट्रेन के साथ-साथ कई नए यूनिवर्सिटी कांग्रेस की सरकार की देन थे. दीक्षित ने किताब में स्वीकार किया कि कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल के राजनीति में इंट्री और मतदाताओं की भावनाओं को भुनाने की उनकी क्षमता को गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने लिखा, ”मैं खुद 25,000 से ज़्यादा वोटों से हार गई, वो भी प्रतिष्ठित नई दिल्ली सीट से मेरी हार हुई. आप नेता के अरविंद केजरीवाल के हाथों मुझे हार का सामना करना पड़ा. एक ऐसी पार्टी जिसे हममें से कई लोगों ने कम आंककर देखा.”
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15 साल में कांग्रेस की सरकार ने क्या अच्छे काम किए?
- दिल्ली में विश्वस्तरीय मेट्रो सेवा का श्रेय ‘मेट्रो मैन’ ई. श्रीधरन और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के अलावा यदि किसी और को जाता है, तो वह शीला दीक्षित हैं.
- शीला दीक्षित ने 1998 से 2013 के दौरान दिल्ली में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया. दिल्ली में जगह-जगह फ्लाइओवरों का जाल उन्हीं की देन है.
- शीला दीक्षित के कार्यकाल में दिल्ली के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में आमूल-चूल बदलाव देखने को मिले. मेट्रो के साथ-साथ उन्होंने सड़क परिवहन पर काफी भी ध्यान दिया।
- शीला दीक्षित ने तमाम विरोधों को दरकिनार कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए डीजल के बजाय सीएनजी से चलने वाली बसों को उतारने का कड़ा निर्णय लिया.
- 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स की चर्चा भ्रष्टाचार को लेकर अधिक होती है, लेकिन कम समय के बावजूद गेम्स के विश्वस्तरीय आयोजन का श्रेय शीला दीक्षित को ही जाता है.
- शीला दीक्षित ने दिल्ली में स्कूलों की स्थिति में सुधार किया. लड़कियों की शिक्षा के लिए काफी प्रयास किए. लड़कियों को स्कूल में लाने के लिए उन्होंने सैनिटरी नैपकिन बंटवाए.