नयी दिल्ली : आईआईएम अहमदाबाद के सहयोग से दिल्ली सरकार के स्कूल प्रमुखों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हुआ. इस मौके पर आयोजित समारोह में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने फीडबैक लिया. उन्होंने कहा कि पहली बार ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राचार्यों के लिए अच्छा अनुभव रहा.
श्री सिसोदिया ने कहा कि यह देखकर काफी अच्छा लगा कि हमारे प्रिंसिपल सार्थक संचार सीख रहे हैं. आज तकनीकी विकास और ऑनलाइन शिक्षा के बढ़ते महत्व के आलोक में यह बेहद जरूरी है.
उल्लेखनीय है कि आईआईएम अहमदाबाद के सहयोग से दिल्ली सरकार के स्कूल प्रमुखों के लिए हर साल यह प्रशिक्षण आयोजित होता है. लीडरशिप ऑफ एक्सेलेंस इन एजुकेशन प्रोग्राम के तहत अब तक 700 से अधिक प्राचार्यों को प्रशिक्षित किया गया है. कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष पहली बार यह प्रशिक्षण ऑनलाइन आयोजित हुआ. 20 जुलाई को प्रारंभ हुए इस प्रशिक्षण में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 50 प्राचार्य शामिल हुए. आईआईएम अहमदाबाद के वरीय प्राध्यापकों ने इन्हें 20 सत्र में प्रशिक्षण प्रदान किया.
समापन के मौके पर सभी प्राचार्यों ने प्रशिक्षण को काफी प्रभावी और उपयोगी बताया. एक प्राचार्या रितु ने कहा कि इस प्रशिक्षण से हमें स्टूडेंटस्, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ सार्थक संचार का महत्व समझने में मदद मिली है. श्री सिसोदिया ने सहमति जताते हुए कहा कि शिक्षा के लिए बेहतर संचार जरूरी है. उन्होंने कहा कि स्कूलों में किस प्रकार सार्थक संचार हो, इस पर विचार करना चाहिए.
एक अन्य प्रिंसिपल डॉक्टर राजेश्वरी कापरी ने कहा कि हम अपने विषय में एक्सपर्ट हैं, लेकिन 2009 में प्रिंसिपल बनने के बाद हमें प्रबंधन संबंधी कोई प्रशिक्षण नहीं मिला था. इस प्रशिक्षण से हमें अपना काम करने में काफी सुविधा होगी. हमें शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका के लिए तैयार करने की इस कोशिश के लिए हम सरकार के आभारी हैं.
श्री सिसोदिया ने कहा कि हमारे स्कूलों के टीम लीडर काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. हम आप सबको विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण दिलवाना चाहते हैं. इससे आप सब के अनुभव का विस्तार होगा.उन्होंने कहा कि स्कूल प्राचार्य का ऐसे ऑनलाइन प्रशिक्षण में शामिल होना काफी उपयोगी है. तब तक आप शिक्षकों के माध्यम से स्टूडेंट्स की ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे थे. लेकिन अब यह आपके अपने अनुभव का हिस्सा है .
श्री सिसोदिया ने कहा कि पांच साल पहले जब इस प्रशिक्षण की योजना बनी थी, तब हमारा जोर इस बात पर था कि आईआईएम अपने परिसर में यह प्रशिक्षण प्रदान करे. पांच साल से यह प्रशिक्षण सफलतापूर्वक चल रहा है.