Delhi: सरकारी कर्मचारी से बदसलूकी के आरोपी हैं डिप्टी मेयर आले मोहम्मद, जानिए कैसा है राजनीतिक करियर

Aaley Muhammad Iqbal: बता दें कि बीजेपी के कमल बागड़ी को 116 वोट मिले वहीं, आले मोहम्मद को 147 वोट मिले है. इसी के साथ आले मोहम्मद नए डिप्टी मेयर चुने गए है. ऐसे में आईए जानते है कि दिल्ली के उपमहापौर के ऊपर क्या होगी क्रिमिनल रिकार्ड दर्ज है.

By Aditya kumar | February 22, 2023 6:56 PM

Aaley Muhammad Iqbal: दिल्ली नगर निकाय के नए मेयर और डिप्टी मेयर चुने जा चुके है. दिल्ली नगर निकाय के डिप्टी मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार आले मोहम्मद ने जीत दर्ज कर ली है. बता दें कि बीजेपी के कमल बागड़ी को 116 वोट मिले वहीं, आले मोहम्मद को 147 वोट मिले है. इसी के साथ आले मोहम्मद नए डिप्टी मेयर चुने गए है. ऐसे में आईए जानते है कि दिल्ली के उपमहापौर के ऊपर क्या होगी क्रिमिनल रिकार्ड दर्ज है.

दागी है नवनिर्वाचित उपमहापौर आले मोहम्मद

जांच पर पता चलता है कि दिल्ली के नवनिर्वाचित उपमहापौर आले मोहम्मद एक राजनीतिक परिवार से आने के साथ-साथ दागी भी है. बता दें कि रिपोर्ट के अनुसार उनपर साल 2017 में एक मामला दर्ज किया गया है. यह मामला है सरकारी कर्मचारी को प्रताड़ित करने का. दिल्ली के दरियागंज में उनके खिलाफ यह मामला दर्ज है जिसमें सरकारी कर्मचारी से बदसलूकी के मामले में उनपर चार धाराएं लगाए गयी है. हालांकि, यह केस अभी भी पेंडिंग ही है और किसी भी अपराध में उन्हें आरोपी ठहराया नहीं गया है. आईपीसी की धारा 186, 353, 342 और 34 के तहत यह मामला दर्ज है.

जानिए कैसा है उनका राजनीतिक करियर ?

बात अगर उनके राजनीतिक करियर की करें तो आले मोहम्मद इकबाल साल 2012 से लगातार पार्षद चुने जा रहे है. इस बार के एमसीडी चुनाव में आले मोहम्मद इकबाल ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है. बता दें कि इस चुनाव में उन्होंने 17 हजार 134 वोटों से अंतर से जीत दर्ज की थी. साथ ही, आले मोहम्मद इकबाल के पिता शोएब इकबाल दिल्ली के सबसे अनुभवी विधायक हैं. बता दें कि शोएब इकबाल 6 बार के विधायक हैं. इसके अलावा वह दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

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छह जनवरी को बुलाई गई थी पहली बार सदन की बैठक

नगर निगम चुनाव के एक महीने बाद छह जनवरी को पहली बार सदन की बैठक बुलाई गई थी. भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों के बीच तीखी बहस के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी. इसके बाद 24 जनवरी और फिर छह फरवरी को बुलाई गई दूसरी और तीसरी बैठक भी इस कवायद को पूरा करने में विफल रही और दोनों बैठकों को महापौर का चुनाव किए बिना स्थगित कर दिया गया.

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