Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव में 477 लोगों का नामांकन खारिज ? कई सीटों पर दिखेगा कड़ा मुकाबला
Delhi Election 2025: दिल्ली के चुनाव में नामांकन दाखिल करने के बाद नाम वापस लेने का समय खत्म हो गया है.
Delhi Election 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इस बार कुल 981 उम्मीदवारों ने 1522 नामांकन पत्र भरे जिनमें से 477 खारिज कर दिए गए हैं. इस बार दिल्ली की विधानसभा सीटों पर चुनावी हलचल तेज हो गई है, और विभिन्न सीटों पर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है.
नई दिल्ली और कस्तूरबा नगर में हाई-प्रोफाइल मुकाबले
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा हलचल है, जहां 29 उम्मीदवारों ने 40 नामांकन पत्र भरे हैं. यहां से प्रमुख दलों के नेता—पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (आप), भाजपा के प्रवेश वर्मा, और कांग्रेस के संदीप दीक्षित उम्मीदवार हैं. इस सीट को लेकर चुनावी माहौल काफी गर्म है। वहीं, कस्तूरबा नगर सीट पर सबसे कम 6 उम्मीदवारों ने 9 नामांकन पत्र भरे हैं, जिनमें आप के रमेश पहलवान, भाजपा के नीरज बसोया और कांग्रेस के अभिषेक दत्त शामिल हैं.
अन्य प्रमुख सीटों पर दिखेगा दिलचस्प मुकाबला
कालकाजी सीट पर 18 उम्मीदवारों ने 28 नामांकन पत्र भरे हैं. यहां से मुख्यमंत्री आतिशी (आप), भाजपा के रमेश बिधूड़ी, और कांग्रेस की अल्का लांबा उम्मीदवार हैं. बल्लीमारान सीट पर 12 उम्मीदवारों ने 16 नामांकन पत्र भरे हैं, और यहां से आप के इमरान हुसैन, भाजपा के कमल बागड़ी और कांग्रेस के हारुन यूसुफ चुनावी मैदान में हैं.
दिल्ली के चुनावी इतिहास में नोटा का रहा है प्रभाव
दिल्ली में 2020 के विधानसभा चुनाव में नोटा (None of the Above) का प्रभाव साफ तौर पर देखा गया था. उस साल कुल 35374 वोट निर्दलीय प्रत्याशियों को मिले थे, लेकिन नोटा को 43019 वोट मिले, जो कुल मतों का 0.46 प्रतिशत था.
2009 में पहली बार नोटा का विकल्प चुनाव में इस्तेमाल किया गया था, जब छत्तीसगढ़ राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान यह विकल्प दिया गया. इसके बाद 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी नोटा का विकल्प ईवीएम में शामिल किया गया. 2013 में हुए चुनावों में 49884 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था, जबकि 2015 में यह संख्या घटकर 35875 हो गई थी.
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