Delhi Election 2025: इन ‘तीन’ की नाराजगी कहीं BJP को न पड़ जाए भारी, जानें इसका कारण
Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव में बीजेपी की राह आसान नहीं नजर आ रही है. आइए आज आपको 3 फैक्टर के बारे में बताते हैं जिसके कारण चुनाव में नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
Delhi Election 2025: दिल्ली में बीजेपी पिछले कई सालों से सत्ता से दूर है. बीजेपी का प्रयास है कि इस बार 28 साल के राजनीतिक सूखे को खत्म कर सके. लेकिन बीजेपी को इन तीन की नाराजगी भारी पड़ सकती है. पीएम मोदी दिल्ली चुनाव में प्रचार अभियान को देख रहे हैं. माना जा रहा है कि पार्टी को इन तीन वर्गों की नाराजगी झेलना पड़ सकता है.
पूर्वांचालियों उम्मीदवारों के अनदेखी पर है नाराजगी
दिल्ली में पूर्वांचली मतदाताओं की संख्या लगभग 30% के करीब है. इस बार आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने पूर्वांचली वोटों को साधने के लिए पूरे प्रयास में है. बीजेपी ने इस बार पूर्वांचल के रहने वाले नेताओं को प्रचार में खूब उतारा है. लेकिन टिकट देने के मामले में बीजेपी घिरते नजर आ रही है. इस बार सबसे अधिक टिकट आम आदमी पार्टी ने दिया है. मनोज तिवारी बीजेपी के दिल्ली में पूर्वांचली चेहरे हैं लेकिन कुछ वर्गों में इस बात की नाराजगी है कि पार्टी ने पूर्वांचल के लोगों का ख्याल नहीं रखा है.
वैश्य वर्ग का अच्छा है दिल्ली में प्रभाव
बीजेपी को लेकर विपक्षी दलों का कहना है कि पार्टी ब्राह्मण और वैश्य की पार्टी है. दिल्ली में वैश्य मतदाताओं की संख्या लगभग 8% है. पार्टी ने इस बार 9 उम्मीदवारों को उतारा है. लेकिन दिल्ली में रवींद्र गुप्ता, डॉ. हर्षवर्धन और कई बड़े वैश्य नेताओं की अनदेखी से पार्टी को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है.
दलित वोटर्स पर टिकीं है नजर
दिल्ली में दलित वोटर्स की संख्या लगभग 18% के करीब है और 70 में से 12 सीटें आरक्षित हैं. मायावती की पार्टी के कमजोर होने के बाद बीजेपी का इन वर्गों में प्रभाव बढ़ा है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में अंबेडकर का मुद्दा विपक्षी दलों ने खूब उठाया है. अब अगर पार्टी को दलित वोटर्स का साथ नहीं मिला तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.