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Delhi Excise Policy: मनीष सिसोदिया को कोर्ट से नहीं मिली राहत, 30 मई तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

Delhi Excise Policy: दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है. कोर्ट ने सिसोदिया समेत अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया है. 30 मई तक सिसोदिया जेल में ही रहेंगे.

By Kushal Singh | May 15, 2024 1:39 PM

Delhi Excise Policy: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से उन्हें एक बार फिर झटका लगा है. कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत अवधि 30 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. आज यानी बुधवार को मनीष सिसोदिया समेत अन्य आरोपियों की जेल से ही कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी. कोर्ट ने दिल्ली आबकारी मामले में सीबीआई के आरोप पर बहस को 30 मई के लिए स्थगित कर दिया है. यानी अब 30 मई तक सिसोदिया जेल में ही रहेंगे.

कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला
इससे पहले मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में  शराब नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन और भ्रष्टाचार के मामलों में आम आदमी पार्टी नेता की ओर से दायर जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज यानी बुधवार को कोर्ट ने कहा कि इस पर अब 30 मई को सुनवाई होगी. आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि सीएम केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया को भी राहत मिलेगी, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें निराश होना पड़ा.  बता दें, दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी और सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया है.

आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में AAP को बनाया जाएगा आरोपी- ईडी
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में ईडी ने कहा कि वह आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाएगा. ईडी के वकील ने हाईकोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा के सामने कहा कि मामले में दायर की जाने वाली अगली अभियोजन शिकायत में आप को एक सह-आरोपी बनाया जाएगा. बता दें, हाई कोर्ट ईडी और सीबीआई की ओर से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर दलीलें सुन रहा था. अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. आप के राष्ट्रीय प्रमुख अरविंद केजरीवाल की एक याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है, जिसमें कहा गया है कि कोई राजनीतिक दल धन शोधन रोधी कानून के तहत नहीं आता.

सिसोदिया के वकील ने की यह दलील
कोर्ट में मनीष सिसोदिया के वकील ने जमानत का अनुरोध करते हुए कहा कि ईडी और सीबीआई मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले में लोगों को अभी भी गिरफ्तार कर रहे हैं और मुकदमे की सुनवाई जल्द पूरा होने का कोई सवाल ही नहीं है. सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने जमानत याचिका खारिज करते हुए यह नहीं बताया कि आप नेता ने देरी में कैसे योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि अपनी पत्नी से मिलने के लिए एक आवेदन दायर किया था. इसके बाद मैंने एक चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए एक आवेदन दायर किया. इससे मुकदमे में देरी कैसे होती है. मैंने कार्यवाही में देरी में कैसे योगदान दिया है?

क्या है पूरा मामला
दिल्ली हाई कोर्ट में मनीष सिसोदिया ने निचली अदालत के 30 अप्रैल के उस आदेश को चुनौती दी है जिससे उनकी जमानत याचिकाएं इस आधार पर खारिज कर दी गई थी कि उन्हें जमानत देने के लिए समय सही नहीं है. निचली अदालत ने 2021-22 के लिए अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. भाषा इनपुट के साथ

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