Delhi Fire: आग लगने के बाद सुनाई दे रही थी सिर्फ चीख पुकार, जान बचाने के लिए छत से कूदे लोग
Delhi Fire: खुद को और अपनों को बचाने के लिए इधर-उधर बेतहाशा भागने लगे थे. कई लोग तो अपनी जान बचाने के लिए बिल्डिंग से सीधे नीचे कूद गए. जिससे उन्हें चोट भी लगी. भीतर फंसे लोग जान बचाने के लिए तीसरी मंजिल से नीचे कूद गये. चोट लगने से भी कई की जान गयी.
Delhi Fire: मुंडका स्थित तीन मंजिला इमारत से धू-धूकर उठती आग की लपटें और गहरा काला धुआं… सुनाई पड़ रही थी तो सिर्फ लोगों की चीख- पुकार. जिंदगी की तलाश में लोग इधर-उधर बेतहाशा भाग रहे थे. दमघोंटू धुएं के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा था, कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा था. जी हां, शुक्रवार को दिल्ली के पश्चिमी इलाके में मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास स्थित तीन मंजिला व्यावसायिक इमारत में जिंदगी और मौत का कुछ ऐसा ही जंग चल रहा था.
छतों से कूदने लगे लोग
आग की लपटें जैसे-जैसे इमारत को अपनी गिरफ्त में लेने लगीं, हर तरफ सिर्फ चीख-पुकार सुनाई दे रहा था. लोग खुद को और अपनों को बचाने के लिए इधर-उधर बेतहाशा भागने लगे थे. कई लोग तो अपनी जान बचाने के लिए बिल्डिंग से सीधे नीचे कूद गए. जिससे उन्हें चोट भी लगी. चश्मदीदों के मुताबिक, आग लगने के बाद कई लोग शीशा तोड़कर जान बचाने के लिए ऊपर से कूद गए थे.
प्लास्टिक के सामानों ने भड़काई आग
मुंडका के जिस इमारत में आग लगी, उसमें इलेक्ट्रॉनिक सामान का गोदाम भी था. इमारत में बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे समेत अन्य उपकरण रखे हुए थे. प्लास्टिक होने के कारण आग तेजी से फैली, साथ ही भारी मात्रा में धुआं भी निकलने लगा. कई लोगों की मौत इस दमघोंटू धुएं से हुई. भीतर फंसे लोग जान बचाने के लिए तीसरी मंजिल से नीचे कूद गये. चोट लगने से भी कई की जान गयी.
नहीं थी अग्निशमन उपकरणों की समुचित व्यवस्था
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,इमारत में अग्निशमन उपकरणों की समुचित व्यवस्था नहीं थी. व्यावसायिक गतिविधियों के लिए दमकल विभाग से एनओसी भी नहीं लिया गया था. बताया जाता है कि इमारत में निकासी का इंतजाम मानकों के मुताबिक नहीं था. इसकी वजह से लोग भीतर ही फंसे रह गये. बता दें, इस भीषण अग्निकांड में 27 लोगों की जलकर और दम घुटने से मौत हो गई.
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