नयी दिल्ली : दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया हिंसा मामले में न्यायिक जांच की मांग वाली एक याचिका पर आज दिल्ली हाई कोर्ट कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सॉलिसटर जनरल तुषार मेहता ने उस बयान पर ऐतराज जताया, जिसमें दलील के दौरान कहा गया कि जामिया में शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर अमित शाह ने लाठीचार्ज का आदेश दिया था.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक सॉलिसटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये बहुत ही गलत है कि कोर्ट के अंदर एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाया जाता है और कोर्ट उसे खारिज नहीं करती है. मेहता ने कहा कि गृह मंत्री पर लगाए गए यह आरोप गलत और बेबुनियाद है.
कोर्ट में जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान की बैंच के सामने दलील देते हुए मेहता ने कहा कि कोर्ट में इस तरह के बेबुनियाद आरोप को तुरंत खारिज कर देना चाहिए. बता दें कि एक याचिकाकर्ता ने ये सुनवाई के दौरान गृह मंत्री पर ये आरोप लगाया था, जिसके बाद सॉलिसटर जनरल ने इसपर अपना विरोध जताया था.
क्या है मामला- 15 और 19 दिसंबर को दिल्ली के जामिया इलाके में छात्र सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान वहां हिंसा भड़क गयी, जिसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया. मामला शांत होने के बाद पुलिस ने स्थानीय लोगों के अलावा कई छात्रों पर भी इस मामले को लेकर मुकदमा दर्ज कर दिया है.
कोर्ट में पुलिस ने दी थी ये दलील-एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई हिंसा में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली याचिका का भी विरोध किया. पुलिस ने कहा कि यह कोई छिटपुट घटना नहीं थी. यह एक बड़ी साजिश थी. दिल्ली हाईकोर्ट में पिछले साल दिसंबर में जामिया मिल्लिया में हुई हिंसा में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दायर की गई थी, जिसपर अदालत ने दिल्ली पुलिस से हलफनामा दायर करने के लिए कहा था
Posted By : Avinish Kumar Mishra