Delhi Lockdown: देश में कोरोना के मामले काफी तेज रफ्तार के साथ बढ़ते जा रहे हैं. देश के बड़े महानगरों जैसे दिल्ली मुंबई में संक्रमण का दर काफी ज्यादा है. दिल्ली में पहले ही वीकेंड कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया है लेकिन संक्रमण की बढ़ती दर ने अब लॉकडाउन का खतरा भी बढ़ा दिया है. शनिवार को दिल्ली में 20,181 नए कोरोना मामले पाए गए हैं. वहीं, 24 घंटे में 11,869 ठीक भी हुए हैं. कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए दिल्ली सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है. स्थिति की समीक्षा को लेकर सोमवार को DDMA की महत्वपूर्ण बैठक होनी है जिसमें संपूर्ण लॉकडाउन का फैसला लिया जा सकता है.
क्या है दिल्ली में अस्पतालों के हालात: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि राज्य में कोरोना के मामले डेढ़ गुना तेजी से बढ़ रहे हैं. हालांकि संक्रमितों में गंभीर मरीजों की संख्या कम है क्योंकि अभी भी दिल्ली के अस्पतालों में 90 फीसदी बैड खाली हैं. रिपोर्ट की माने तो दूसरी लहर से इस बार गंभीर मरीजों की संख्या में कमी है. दूसरी लहर में 40 हजार के करीब मामले थे जिसमें 6/7 फीसदी मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया था.
उन्होंने बताया कि इस बार संक्रमण की तेज रफ्तार के बाद भी 90 फीसदी बैड खाली हैं. जो बेहतर स्थिति बताई जा रही है. डेल्टा वैरिएंट के कारण 17 हजार मामलों में करीब 2500 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया था. इस बार 17 हजार मामलों पर 200 से 300 मरीज ही अस्पताल में भर्ती हुए हैं. दिल्ली में वैक्सीनेशन की रफ्तार भी काफी तेज है यहां करीब करीब हरेक व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है जबकि 75 फीसदी को दूसरी डोज दी जा चुकी है.
DDMA की बैठक में लॉकडाउन का फैसला? स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि फिलहाल लॉकडाउन को लेकर कोई भी कयास लगाना ठीक नहीं होगा क्योंकि कई सारी पाबंदियां पहले से ही दिल्ली में लगी हुई है. जिसका असर जल्द ही देखने को मिलेगा. लोगों कड़ाई से इन नियमों का पालन कर रहे हैं. दिल्ली के सभी सिनेमा हॉल, मॉल से लेकर सारे बड़े संस्थानों को बंद किया गया है. दिल्ली में 100 फीसदी लोग मास्क लगा रहे हैं. जिससे संक्रमण का खतरा कई गुणा कम हुआ है. हालांकि कि स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि DDMA की बैठक में जो भी फैसला होता है इसकी जानकारी दी जाएगी. फिलहाल किसी भी तरह का कयास नहीं लगाया जा सकता है.