2041 में दिल्ली कैसी होगी, दिल्ली का स्वरुप कैसा होगा. वहां की नाइटलाइफ कैसी रहेगी, संस्कृति कैसी रहेगी ? इसे लेकर एक मसौदा तैयार किया गया है. अगले दो दशक तक दिल्ली के विकास किस तरीके से होगा मसौदे में यह भी बताय गया है. इसमें बताया गया है कि दिल्ली की नाइटलाइफ की संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा, सांस्कृतिक हॉटस्पॉट को विकसित किया जाएगा. शाहजहानाबाद को एक सांस्कृतिक उद्यम केंद्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा. दिल्ली के मास्टर प्लान में यह तैयार किया गया है.
इस मसौदे को तैयार करते समय दिल्ली की विरासत का भी खास ख्याल रखा गया है. इस मसौदे को सुझावों के लिए पब्लिक डोमेन में रखा गया है. ताकि एक बेहतर रणनीति तैयार हो सके, जिससे दिल्ली की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले और सांस्कृतिक और सार्वजनिक स्थानों को बढ़ावा देते हुए शहर को एक सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर भी विकसित किया जा सके.
शहर में नाइटलाइफ को बढ़ावा देने के लिए नाइट सर्किट का विकास किया जाएगा. जहां लोग देर रात तक मनोरंजन कर सके, छुट्टीयां मना सकें. इसके तहत कई क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा. नाइट सर्किट के लिए जगह का चयन करना स्थानीय निकाय, पर्यटन विभाग और अन्य ,संबंधित सामूहिक एजेंसियो का काम होगा. इसके तहत होटल. रेस्तरा समेत अन्य जगहों के बंद होने का समय बढ़ाया जाएगा.
नाइटलाइफ की आवश्यकता पर जोर देते हुए मसौदे में कहा गया है कि इससे नाइटलाइफ की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा. इसके लिए पर्याप्त रोशनी, सुरक्षा और सार्वजनिक परिवहन जैसे विशेष मेट्रो लाइनों और बस मार्गों द्वारा आसान पहुंच की सुविधा प्रदान की जाएगी.
नाइटलाइफ़ पर जोर देने का स्वागत करते हुए नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष मनप्रीत सिंह ने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय शहर और भारत की राजधानी होने के नाते, दिल्ली दुनिया भर से पर्यटकों की मेजबानी करता है। हमें जीवंत नाइटलाइफ़ चाहिए. मनप्रीत सिंह जो कनॉट प्लेस में ज़ेन रेस्तरां के भी मालिक हैं.
विरासत को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान में तीन प्रकार के सांस्कृतिक समूहों की पहचान की गयी है और इन क्षेत्रों के विकास के लिए रणनीतियों का प्रस्ताव करती है. इनमें शाहजहानाबाद के वालड सिटी और लुटियंस बंगला जोन (एलबीजेड), सांस्कृतिक परिसर और पुरातात्विक पार्क जैसे विरासत क्षेत्र शामिल हैं.
चांदनी चौक की प्रतिष्ठित चुन्नमल हवेली के मालिकों में से एक 77 वर्षीय अनिल प्रसाद ने कहा कि अगर सही तरीके से मास्टर प्लान को लागू किया गया तो प्रस्ताव बहुत आगे बढ़ जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि उन तरीकों पर गौर करने की जरूरत है जिनके माध्यम से विरासत भवनों के संरक्षण से मालिकों के लिए कुछ पैसा मिल सकता है.
दिल्ली मास्टर प्लान के तहत वालड सिटी को शहर के ऐतिहासिक कोर और व्यापार केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. साथ ही मसौदे में शाहजहानाबाद के पुनरोद्धार का भी जिक्र किया गया है. शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडीसी), स्थानीय नागरिक निकाय, और अन्य संबंधित एजेंसियों को दो साल के भीतर वालड सिटी के भीतर सभी सांस्कृतिक परिसरों को पेंट करने, यातायात प्रबंधन योजना के कार्यान्वयन और अन्य चरणों के बीच ओवरहेड तारों को हटाने का काम सौंपा गया है.
Posted By: Pawan Singh