Delhi Mayor Election: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि एमसीडी के मनोनीत सदस्य मेयर चुनाव में वोट नहीं कर सकते है. चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) की महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की महापौर चुनाव जल्द कराने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी. अब ऐसे में ASG संजय जैन ने कहा कि 16 फरवरी को होने वाले मतदान को 17 फरवरी के बाद की तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया जाएगा.
आम आदमी पार्टी-भारतीय जनता पार्टी की लड़ाई के कारण महापौर चुनाव के लिए 16 फरवरी को होने वाले मतदान को स्थगित कर दिया गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने जानकारी दी है. दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने महापौर के चुनाव के लिए 16 फरवरी को एमसीडी सदन का अगला सत्र बुलाने की मंजूरी दी थी. दिसंबर में निगम के चुनावों के बाद, एल्डरमैन (मनोनीत सदस्यों) को मतदान का अधिकार देने के फैसले पर हंगामे और व्यवधान के बीच तीन बैठकें स्थगित कर दी गईं.
अदालती सुनवाई के बाद आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया और सत्तारूढ़ दल ने केंद्र पर ‘‘बेईमान रणनीति’ अपनाने का आरोप लगाया. एमसीडी के 250 निर्वाचित सदस्यों में से 134 के साथ बहुमत वाली आप ने आरोप लगाया है कि भाजपा मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार देकर उसके जनादेश को चुराने की कोशिश कर रही है.
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ओबेरॉय की ओर से पेश अधिवक्ता शादान फरासत ने पीठ से कहा कि याचिकाकर्ता दो निर्देशों का अनुरोध कर रही हैं- मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और महापौर, उपमहापौर तथा स्थायी समिति के चुनावों को अलग-अलग कराया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने आठ फरवरी को ओबेरॉय की याचिका पर उपराज्यपाल कार्यालय, एमसीडी की अस्थायी पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा और अन्य से जवाब मांगा था.