Delhi- NCR, OLA UBER cab service: कोरोना संकट काल में दिल्ली-एनसीआर को लोगों की परेशानी बढ़ सकती है. कारण कि उबर और ओला कैब कंपनियों के ड्राइवरों ने अपनी मांगों को लेकर एक सितंबर से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है. दिल्ली-एनसीआर मेट्रो का संचालन अभी शुरू नहीं हुआ है, ऐसे में अगर उबर और ओला के हड़ताल से काफी लोग प्रभावित होंगे.
एचटी की खबर के मुताबिक, उबर और ओला जैसे ऐप आधारित कैब कंपनियों के ड्राइवर्स अपनी गाड़ियों की ईएमआई, प्रति किमी किराया में वृद्धि, सेवाओं का संचालन करने वाली कंपनियों द्वारा कमीशन में कमी और ई-चालान के रोलबैक का भुगतान करने के लिए विस्तार की मांग कर रहे हैं.
ओला-उबर ड्राइवरों का एक यूनियन सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन ऑफ दिल्ली ने दावा किया कि एनसीआर में उनके साथ करीब दो लाख टैक्सी जुड़ी हुई हैं. एसोसिएशन ने गुरुवार को कहा कि अगर मांगें पूरी नहीं होती तो वे एक सितंबर से हड़ताल पर चले जाएंगे. एसोसिएशन के मुताबिक, कई ड्राइवर ऐसे हैं जिन्होंने वाहन खरीदने के लिए बैंक से लोन लिया है और 15,000 रुपए तक की ईएमआई देनी होती है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा कि लॉकडाउन के कारण हमारी हालत खराब हो गई थी. ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम हैं, इश कारण ग्राहकों की संख्या घटकर केवल 10 फीसदी रह गई है. उनके मुताबिक रोज का टारगेट पूरा करने के लिए ड्राइवर्स काफी संघर्ष कर रहे हैं. प्रधानमंत्री, केंद्रीय वित्त और परिवहन मंत्रियों को इस साल 31 दिसंबर तक ईएमआई का भुगतान करने की छूट देने का आग्रह करने के लिए पत्र भेजा है.
कमलजीत ने आगे कहा कि मार्च और अगस्त के बीच उन्हें एक छूट मिली है, लेकिन उन्हें विस्तार की जरूरत है, क्योंकि काम पहले जैसा नहीं चल रहा है. उन्होंने कहा कि कई ड्राइवर अपने घर चलाने के लिए दोस्तों से उधार ले रहे हैं. इन दिनों, कंपनी को रखरखाव और ईंधन शुल्क में 26% कमीशन की कटौती के बाद, एक ड्राइवर प्रति दिन लगभग 150-200 रुपये कमा रहा है. कोरोना काल के कारण हम पहले के मुकाबले बहुत कम कमाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सरकार से अपनी रोजी-रोटी को बचाने का अनुरोध करते हैं अन्यथा ड्राइवरों को अपनी कैब बेचनी होगी या बैंक कैब ले जाएंगी.
कमलजीत ने कहा कि अभी टैक्सी का किराया 6 रुपये प्रति किमी है जो काफी कम है. सरकार को इसे बढ़ाकर 10 से 12 रुपये प्रति किमी करना होगा. अगर किराए में बढ़ोतरी होगी तो ड्राइवरों की कमाई बढ़ेगी जिनसे उन्हें राहत महसूस होगी. उन्होंने कहा कि ई-चालान पर भी सवाल उठाए.
कहा कि जब प्राइवेट कार चालक 50 की स्पीड से चलते हैं तो उनका चालान नहीं होता लेकिन ओला-उबर का चालान हो जाता है. एक माह में कई ड्राइवरों का 2 हजार रुपये तक का चालान आ जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार को चालान के नियमों के फिर से विचार करना चाहिए.चालान को वापस ले लेना चाहिए.
Posted By: Utpal kant