Delhi New CM : दिल्ली में सरकार गठन को लेकर बीजेपी के अंदर चर्चा चल रही है. नए मंत्रिमंडल में दो उपमुख्यमंत्री रखने के विकल्प पर भी पार्टी विचार कर रही है. पार्टी के कुछ नेताओं ने कहा कि दो उपमुख्यमंत्री रखकर पार्टी विभिन्न जातियों, समुदायों और क्षेत्रीय पृष्ठभूमि के विधायकों को मौका देगी. पार्टी के अंदरूनी सूत्र के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने यह खबर दी है. खबर के अनुसार, बीजेपी विधायक दल की पहली बैठक रविवार को हो सकती है. इसमें 48 नवनिर्वाचित विधायक शामिल होंगे. इसकी अध्यक्षता बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के दो वरिष्ठ सदस्य करेंगे, जिन्हें मुख्यमंत्री और कैबिनेट सदस्यों के चयन की देखरेख के लिए नियुक्त किया गया है.
दिल्ली के सीएम पद के दावेदार
बीजेपी द्वारा अपना दावा पेश किया जाएगा. पार्टी का फोकस दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के चयन पर केंद्रित हो गया है. प्रमुख दावेदारों में प्रवेश वर्मा भी शामिल हैं, जिन्होंने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराकर नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की है. उनके साथ पूर्वी दिल्ली के सांसद हर्ष मल्होत्रा, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी और नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज के नाम की भी चर्चा है.
एमपी, यूपी और राजस्थान में दो उपमुख्यमंत्री
दिल्ली को ‘मिनी इंडिया’ के रूप में प्रदर्शित करने के लिए दो उपमुख्यमंत्री कैबिनेट का हिस्सा हो सकते हैं. बीजेपी ने कहा दिल्ली में सरकार के गठन को लेकर पार्टी के भीतर चल रही चर्चाओं के बीच, पार्टी राजधानी को ‘मिनी’ भारत के रूप में प्रदर्शित करेगी. इसके लिए नए कैबिनेट में दो उपमुख्यमंत्रियों को रखने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है. कुछ पार्टी नेताओं ने कहा, ”इसकी बहुत संभावना है क्योंकि ऐसा कई अन्य राज्यों में भी किया गया है, जहां विभिन्न पृष्ठभूमि के नेताओं को साथ लाने के लिए डिप्टी सीएम नियुक्त किए गए हैं. बीजेपी शासित एमपी, यूपी और राजस्थान में ऐसा देखने को मिला है.”
किसे मिल सकता है मंत्री पद?
बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मादीपुर से जीते कैलाश गंगवाल, रविंदर इंद्राज सिंह (बवाना), राज कुमार चौहान (मंगोल पुरी) और रविकांत (त्रिलोकपुरी) उन एससी विधायकों में शामिल हो सकते हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. रेखा गुप्ता (शालीमार बाग), विजेंद्र गुप्ता (रोहिणी) और तिलक राम गुप्ता (त्रि नगर) के भी नाम की चर्चा है, जो ओबीसी समुदाय के वरिष्ठ नेताओं की सूची में आते हैं.