Delhi News आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित नार्थ एमसीडी द्वारा पार्षदों को 50-50 लाख रुपए फंड देने के फैसले पर आपत्ति जताई है. आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नार्थ एमसीडी के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं. लेकिन, अपने पार्षदों को फंड देने के लिए पैसे हैं.
आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब जब एमसीडी चुनाव में मात्र छह महीने बचे हैं, कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं और नार्थ एमसीडी पर दिल्ली सरकार का 2407 करोड़ रुपए कर्ज है, ऐसे में पार्षदों को 50-50 लाख रुपए फंड देना भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी विधानसभा में स्पष्ट किया है कि दिल्ली सरकार को नगर निगमों को एक रुपए नहीं देना है, बल्कि नगर निगमों को ही 6.50 हजार करोड़ रुपए दिल्ली सरकार को वापस देना है. एमसीडी में बैठी भाजपा इसलिए कर्मचारियों को 6-6 महीने वेतन नहीं देती है, ताकि कर्मचारी हड़ताल करें और वे इस बहाने दिल्ली सरकार से पैसे ऐंठ सके.
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने आज पार्टी मुख्यालय में भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम के संबंध में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि इस बार हमारे कुछ साथियों ने दिल्ली विधानसभा के अंदर यह प्रश्न लगाया था कि क्या दिल्ली सरकार को दिल्ली नगर निगमों को कोई पैसा देना है या कोई पैसा बकाया है? भाजपा के नेता भी अक्सर इस बात के उपर शोर मचाते हैं. सदन पटल पर आधिकारिक तौर पर यह बात दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने सदन को बताई कि दिल्ली सरकार को नगर निगमों को एक रुपए भी नहीं देना है, बल्कि नगर निगमों को ही करीब 6.50 हजार करोड़ रुपए दिल्ली सरकार को वापस देना है और उत्तरी दिल्ली नगर निगम (North MCD) को दिल्ली सरकार को 2407 करोड़ रुपए लौटाना है. नार्थ एमसीडी ने यह पैसा लोन (कर्ज) के रूप में लिया था, लेकिन अब उसका ब्याज भी कई सालों से नहीं दे रही है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में सबको पता है कि छह-छह, आठ-आठ महीने तक यह लोग अपने कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं देते हैं. अस्पतालों के अंदर डॉक्टरों, नर्सों, सफाई कर्मचारियों और एमसीडी के शिक्षकों को इन्होंने महीनों तक तनख्वाह नहीं दी है और उनकी तनख्वाह रोक कर रखते हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ उनकी तनख्वाह इसलिए रोक कर रखते हैं, ताकि वो लोग दिल्ली के अंदर हड़ताल करें, जगह-जगह कूड़ा फैलाएं. कोरोना के समय में जब एमसीडी के अस्पतालों में किसी कोरोना के मरीज का इलाज न हो, तब भी ये लोग ऐसा दिखाए कि डॉक्टरों को तनख्वाह नहीं मिल रही है, इसलिए अस्पताल बंद हैं. इन्होंने यह इसलिए किया, ताकि इस बहाने से दिल्ली सरकार से और पैसा ऐंठ सकें. करीब-करीब पिछले 10 सालों से हर दो-तीन महीने के बाद एमसीडी का यही ढर्रा देख रहे हैं कि ये अपना पैसा भ्रष्टाचार के चलते बर्बाद करते हैं. दिल्ली सरकार से पैसा मांगने का इनके पास एक ही तरीका है कि अपने कर्मचारियों की तनख्वाह बंद कर दें. छह-छह महीने तक उन्हें परेशान करें. कर्मचारी धरना दें, हड़ताल करें और फिर ये दिल्ली सरकार से पैसा ऐंठ लें.
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि कल एक ऐसी खबर हमें पता चली कि नार्थ एमसीडी ने अपने पार्षदों को 50-50 लाख रुपए फंड देने का फैसला किया है. अब जब एमसीडी के चुनाव में मात्र 6 महीने ही बचे हैं और जब आपके उपर 2407 करोड़ रुपए का कर्ज है, जब आप छह-छह महीने की तनख्वाहें अपने डॉक्टरों, नर्सों और सफाई कर्मचारियों को नहीं दे रहे हैं, ऐसे में अपने पार्षदों को 50-50 लाख रुपए का फंड देना पूरी तरह भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है कि पैसा है, मगर पैसे को तनख्वाहों में नहीं देना है, अपने पार्षदों को फंड देना है.