किसानों के दिल्ली चलो मार्च के खिलाफ Delhi Police अलर्ट, बॉर्डर सील, सुरक्षा के इंतजामों की देखें तस्वीरें
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली किले में तब्दील हो गई है. 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित दिल्ली चलो मार्च को देखते हुए पूरी दिल्ली में एक महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली किसानों के आंदोलन को लेकर किले में तब्दील हो गई है. 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित दिल्ली चलो मार्च को देखते हुए पूरी दिल्ली में एक महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है. इसके अलावा सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर बेहद डाइट सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं की कंक्रीट के बेरिकेट्स लगाये गये हैं. सड़कों परलोहे के नुकीले अवरोधक लगाया गया है.
वहीं, दिल्ली में जगह-जगह बेरिकेटिंग करने से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, बॉर्डर इलाके पर निगरानी के लिए दिल्ली पुलिस ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है.
किसानों के दिल्ली चलो मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में धारा 144 लागू कर दी है. यह अगले एक महीने तक लागू रहेगा.
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा की ओर से सोमवार को जारी आदेश में किसी भी प्रकार की रैली या जुलूस निकालने तथा सड़कों एवं मार्गों को अवरुद्ध करने पर रोक लगा दी है. दिल्ली पुलिस के आदेश के तहत ट्रैक्टर रैलियों के राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को पार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
किसानों की गतिविधियों पर चौबीसों घंटे निगरानी रखने के लिए सिंघू बॉर्डर पर एक अस्थायी कार्यालय स्थापित किया गया है.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए हरियाणा की सीमा से लगती ग्रामीण सड़कों को भी सील कर दिया है.
दिल्ली-रोहतक और दिल्ली-बहादुरगढ़ मार्गों पर अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है. बाहरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त जिमी चिराम ने व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया. यहां जारी एक परामर्श के अनुसार, सोमवार से सिंघू सीमा पर वाणिज्यिक वाहनों के लिए यातायात पाबंदियां लागू की गयी हैं. मंगलवार से सभी प्रकार के वाहनों पर पाबंदियां लागू होंगी.
विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने 5,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है जबकि सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए क्रेन और अन्य भारी वाहनों को तैनात किया है.
अधिकारियों ने बताया कि किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए कई सुरक्षा अवरोधक लगाए गए हैं. सड़कों पर कंटीले अवरोधक बिछाए गए हैं ताकि अगर प्रदर्शनकारी किसान वाहनों पर सवार होकर शहर में प्रवेश करने की कोशिश करें तो उनके वाहनों के टायर पंक्चर हो जाए.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के ज्यादातर किसान संघों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के सिलसिले में 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है.
किसान 2021 में आंदोलन वापस लेने के लिए जिन शर्तों पर राजी हुए थे उनमें से एक एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाना भी था.
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए रविवार को हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती शहर की सीमाओं का दौरा किया था. भाषा इनपुट से साभार