तेज रफ्तार कार ने पुलिस की गाड़ी को मारी टक्कर, हेड कान्स्टेबल की मौत
उत्तरी दिल्ली में रविवार देर रात एक तेज रफ्तार कार सवार ने गश्त कर रहे पुलिस वाहन को टक्कर मार दी जिससे एक हेड कांस्टेबल की मौत हो गई और एक सिपाही घायल हो गया. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि तुषार गुप्ता (19) कल देर रात अपने एक मित्र से मिलने के बाद अपनी होंडा सिटी कार से लौट रहा था .
नयी दिल्ली : उत्तरी दिल्ली में रविवार देर रात एक तेज रफ्तार कार सवार ने गश्त कर रहे पुलिस वाहन को टक्कर मार दी जिससे एक हेड कांस्टेबल की मौत हो गई और एक सिपाही घायल हो गया. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि तुषार गुप्ता (19) कल देर रात अपने एक मित्र से मिलने के बाद अपनी होंडा सिटी कार से लौट रहा था .
उसने रात करीब डेढ़ बजे खालसा कालेज के पास अपनी कार से पुलिस के गश्ती वाहन में टक्कर मार दी. अधिकारी ने बताया कि टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि गश्त कर रहा वाहन पलट गया और सड़क पर 15 फुट तक घिसटता चला गया. पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मोनिका भारद्वाज ने बताया कि हेड कान्स्टेबल वजीर सिंह (50) वाहन में फंस गए और उन्हें उनके सहयोगी अमित और वहां से गुजर रहे लोगों ने बाहर निकाला. सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई.
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भारद्वाज ने बताया कि दुर्घटना के समय गश्ती वाहन चला रहे अमित को हाथ पर चोटें आयी थीं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. पुलिस ने बताया कि गुप्ता मॉडल टाउन का रहने वाला है. वह भी इस घटना में घायल हुआ है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के अनुसार उसकी मेडिकल रिपोर्ट से पता चला है कि वह दुर्घटना के समय शराब के नशे में था. पुलिस ने बताया कि गुप्ता सिंगापुर में बीकॉम कर रहा है और वह लॉकडाउन से पहले गत मार्च में दिल्ली लौटा था.
उसके पिता एक व्यापारी हैं और उनकी सदर बाजार में एक दुकान है. डीसीपी ने बताया कि इस संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 279 और 337 के तहत एक मामला दर्ज कर लिया गया है. दुर्घटना के समय सिंह और अमित रात्रिकालीन ड्यूटी पर थे. अमित ने कहा, ‘‘मैं वाहन चला रहा था. मेरे सहयोगी मेरे ठीक बगल में बैठे थे. ट्रैफिक लाइट के हरा होने पर मैंने विश्वविद्यालय क्षेत्र की ओर रुख किया लेकिन अचानक एक कार ने दूसरी तरफ से हमारे वाहन में टक्कर मार दी.”
उन्होंने कहा, ‘‘हम गंभीर रूप से घायल हो गए और मेरे सहयोगी वाहन के अंदर फंस गए. लोग हमें बचाने के लिए आगे आये. उन्होंने पहले मेरे सहयोगी को निकाला और फिर हमें एक अस्पताल ले जाया गया, जहां गंभीर रूप से घायल मेरे सहयोगी की इलाज के दौरान मौत हो गई.” पुलिस ने बताया कि नरेला में अपने परिवार के साथ रहने वाले अमित 2018 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे और पुलिस नियंत्रण कक्ष इकाई में प्रतिनियुक्त पर हैं.
सिंह पुलिस में 25 साल से कार्यरत थे और वह पहले यातायात इकाई में थे, लेकिन उन्हें इस साल मई के अंत में पीसीआर इकाई में स्थानांतरित कर दिया गया था. सिंह के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और मां हैं जो सोनीपत के पास एक गांव में रहती हैं. सिहं का बड़ा बेटा विनय हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल है और गुरूग्राम में रहता है और उनका छोटा बेटा रोहतक में एक विश्वविद्यालय से बी.कॉम कर रहा है.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak